नमन और तनु मेरी जिन्दगी के पहले मित्र है , मेरे साथ खेलने के लिए रोज आते है , नमन , टॉमी (कुत्ता) बनता है और हमें काटने को दौडाता है , मै और तनु भाग कर छिपते है , वैसी मुझे तो कुछ ख़ास समझ नहीं आता है , पर मै दोनों के साथ खुश रहता हूँ. पर इनके साथ की मुझे कुछ कीमत भी चुकानी पड़ती है , वे दोनों मुझसे बड़े है , उम्र और ताकत दोनों में , और अक्सर मुझे मारते रहते है , नमन तो अक्सर मेरे गाल को नोचता , खीचता रहता है , तनु भी मुझे अक्सर धक्का दे देती है . बात यहाँ भी खत्म नहीं होती, दोनों की पैनी नजर मेरे खिलौनें पे होती है , नजर चुकी नहीं की खिलौनें गायब . बाद में वो खिलौनें उनके घर से बरामद होते है, मेरे सारे खिलौने इन्ही दोनों ने तोडे है .
नमन और तनु के साथ
अभी कल मेरा सबसे प्यारा खिलोना जो मेरी नानी ने मुझे दिया था ( बक्सर के विशाल मेगा मार्ट से खरीदा हुआ ) नमन ने सबकी नजरों के सामने से उड़ा दिया और अपने घर ले जाकर उसके टुकड़े - टुकड़े कर डाले , उसकी (खिलोने) मौत की खबर उसकी मम्मी ने हमें दी . ये खबर सुनकर हमें बड़ा दुःख हुआ , मेरी नानी का दी हुई वो चीज मै पूरी उम्र अपने साथ रखना चाहता था , मगर ये हो ना सका . अब तो बस उसकी याद है जो मेरे दिल में बसी होगी जिसे कोई तोड़ नहीं सकता .
नानी का दिया हुआ मेरा सबसे प्यारा खिलौना जो अब नहीं है
याद आयेंगे बीते पल (खिलौने के साथ )
4 comments:
koi baat nhi beta...nya laa denge...
सारे बच्चें के खिलौने से उसके भैया दीदी ही खेला और तोडा करते हैं .. तुम भी बडे होकर अपने से छोटों के खिलौनो से खेलोगे और उन्हें तोडोगे !!
इत्ता गुस्सा...दोस्तों पर..
lajwaab rachna......
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