Monday, December 31, 2012

2012 की यादों का कारवाँ


साल के आख़िरी दिन 2012 की  यादों का लेखा जोखा . अलविदा 2012 !





नोट: आज  माधव अपनी मम्मी के साथ आरा (बिहार ) मे छुटियाँ मना रहे है . 
   

Thursday, December 27, 2012

सर्दी की छुट्टियाँ (Winter vacation

माधव का स्कुल बंद गया है . क्रिसमस की छुट्टियाँ २३ दिसंबर से १ जनवरी तक है . छुट्टियों का उपयोग करते हुए हम आरा चले गए .बक्सर और  नवानगर मे यात्रा को अल्प विराम देते हुए माधव आज कल आरा मे दादा -दादी के सानिघ्य मे है . 





स्कुल मे क्रिसमस सेलेब्रेसन


स्कुल मे क्रिसमस सेलेब्रेसन













Monday, December 17, 2012

कौड़िया जंगल

क्लब महिंद्रा रिसोर्ट, कानाताल के पास ही एक घना जंगल है  जिसका नाम कौड़िया जंगल है.   वन बिभाग ने इस जंगल मे एक नेचर रूट ट्रेक बना रखा है जिसकी  लम्बाई ८ किलो मीटर है . सुबह हम इसी ट्रैक पर नेचर वाक् पर निकले . देवदार के जंगल के बीच से गुजरना एक असाधारण अनुभव है  . रिसोर्ट की तरफ से हमें एक गाइड भी मुहैया कराया गया था जिसका नाम अजय था . माधव अजय के साथ ही चल रहे थे. 

अजय ने हमें बताया कि इस जंगल मे तेंदुए भी मिलते है . लोमड़ी , डियर , भालू मिलना बहुत आम बात है . देवदार के जंगल खतम होने के बाद चीड़ का जंगल शुरू हुआ . ट्रेक का मार्ग कुछ पतला और ढलाव भरा हो गया . जंगल मे और आगे बढ़ने पर हमें एक भारी भरकम जीव दिखा . हम  आहिस्ता -आहिस्ता उस जीव के पास पहुंचे, वो एक साम्भर था जो पैर फसने की वजह से मर गया था  . थोड़ा और नीचे जाने पर एक छोटा सा मैदान मिला जिस मे घास पर ओस की जमी हुई बुँदे सफ़ेद चादर बन गई थी . कुछ और आगे जाने पर सेव के बाग मिले . कुछ और आगे जाने पर , जंगल से झाँकती हिमालय  की बर्फीली चोटिया  दिखी जो इस ट्रेक का सबसे अच्छा पल था . 






   















सफर का अगला पड़ाव : सुरकंडा देवी .......................

Wednesday, December 12, 2012

कानाताल(KANATAL) की यात्रा

कुछ Unexplored Destination पर जाने का मन कर रहा था . तभी मशहूर ब्लॉगर मनीष कुमार (रांची ) ने अपने ब्लॉग मे  कानाताल के बारे मे बताया जहाँ वो क्लब महिंद्रा के ब्लोगर कांफेरेंस(CONCLAY)  मे भाग लेने गए हुए थे .कानाताल के बारे मे उनके उम्दा ख्याल पढकर , मैंने भी कानाताल जाने का मन  बनाया और ३० नवंबर को ऑफिस से छुट्टी लेकर कानाताल निकल पड़ा . दिल्ली से कानाताल करीब ३३० कि मी है . मेरी यात्रा का रूट ऐसे था -दिल्ली -मेरठ -मुज्जफरनगर -रूरकी-छुटमलपुर -देहरादून -मसूरी -धनोल्टी -कानाताल. 

दिल्ली से हम अपनी कार से आठ बजे कानाताल के लिए रवाना हुए .  माधव ने मोदी नगर मे थोड़ी सी वोमिटिंग की , जिसके चलते यात्रा मे थोड़ा विलम्ब हुआ . मुजफ्फरनगर मे मैकडोनाल्ड मे हमने ब्रेकफास्ट किया और देहरादून मे लंच .धनोल्टी के बाद ही हमें बर्फीली चोटियाँ दिखने लगी . कानाताल हम संध्या को पहुचे. 

कानाताल टिहरी  जिले मे स्थित एक छोटी सी जगह (गांव ) है जहाँ प्राकृतिक सुंदरता बिखरी पडी है . कानाताल से हिमालय की बर्फीली चोटियाँ दिखाई देती है . 

कानाताल मे माधव ने बहुत एन्जॉय किया . कानाताल मे हम क्लब महिंद्रा के  रिसोर्ट के ठहरे थे .  






















बर्फीली चोटियो से प्रथम  साक्षात्कार 





शेष अगले भाग मे .............


Sunday, December 9, 2012

कार्निवाल के नज़ारे


माधव के स्कुल का क्रिसमस कार्निवाल कल खत्म हो गया . कार्निवाल की तैयारी के लिए बच्चों के पारेंट्स को बुलाया गया था . मेरा समय सुबह सात बजे का था . सुबह छह बजे जगकर माधव के स्कुल जाना पड़ा . स्टाल लगाने मे शिवाली मैडम की मदद की . दस बजे घर लौटा फिर माधव और श्रीमती को लेकर कार्निवाल पहुचा .





























                                                माधव की क्लास टीचर (शिवाली बैनर्जी )



माधव के क्लास का स्टाल 







                           बहुत सारे गेम आजमाने के बाद ये एक ढंग का इनाम मिला 


थोड़ी मस्ती 

Thursday, December 6, 2012

क्रिसमस कार्निवाल

माधव के स्कुल मे आठ दिसंबर को क्रिसमस कार्निवाल है . इसकी तैयारी करीब एक महीने से चल रही है . कार्निवाल का मुख्य उद्देश्य गरीब बच्चों के शिक्षा के लिए फंड जुटाना है . मैंने इस कार्निवाल और इसके अच्छे उदेश्य  के लिए रु २५०० का एक छोटा सहयोग दिया है . 

Christmas Carnival for Funds for Education of  

               Under-Privileged Children




चलते चलते
अंततः साल का आख़िरी महीना शुरू हो गया . साल कितना जल्द बीत जाता है पता ही नहीं चलता .  इस महीने के शुरू मे ही हम कानाताल , सुरकंडा देवी , मसूरी , धनौल्टी, चम्बा और ऋषीकेश घूम आये . माधव ने अपने होश मे पहली बार बर्फ (Snow) देखा और बर्फ के साथ खूब खेला . इसी यात्रा के दौरान माधव ने पहली बार गंगा मे(ऋषीकेश मे ) डुबकी लगाईं .पूरा  ब्योरा अगली पोस्ट मे ...............
 
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