Saturday, December 31, 2011

यादें -२०११ (Flashback 2011)

2011 के बस कुछ ही घंटे बचे है . 2011 का साल काफी उत्साह और उमंग से भरा था . मेरे कुछ खास लम्हे 2011 के ......



Friday, December 30, 2011

स्कुल बंद

मेरा स्कुल साथ जनवरी तक बंद हो गया है . अब स्कुल नए साल में आठ जनवरी २०१२ को खुलेगा . स्कुल बंद हुआ है पर होम वर्क नहीं . घर पर मेरी पढ़ाई चालु है . छुटियों में चिडियाघर देखने का भी प्रोग्राम है .









Thursday, December 29, 2011

छोटा भीम स्कुल क्यों नहीं जाता है ?


File:Chhota Bheem.jpg






" छोटा भीम स्कुल क्यों नहीं जाता है ?", ये सवाल आज माधव ने स्कुल जाते समय पूछा . सवाल बहुत रोचक और मौलिक था . माधव छोटा भीम बहुत चाव से देखता है . छोटा भीम अपने गांव का हीरो है , हर तरह की समस्या का समाधान उसके पास है पर वो कभी स्कुल नहीं जाता ! मेरा मानना है कि छोटा भीम बच्चों का प्रोग्राम है और उसे स्कुल जरुर जाना चाहिए .

"छोटा भीम स्कुल क्यों नहीं जाता ", माधव के इस सवाल का जबाब मेरे पास नहीं था ? आप बता सकते है तो कृपया सहयोग करे .







Wednesday, December 28, 2011

खेल कूद वार्षिकोत्सव में कांस्य पदक

२५ दिसंबर को आयोजित खेल कूद वार्षिकोत्सव में माधव को कांस्य पदक मिला . ये पदक साइकिलिंग रेस में मिला.
































Saturday, December 24, 2011

हैपी क्रिसमस

क्रिसमस कार्ड्स

Friday, December 23, 2011

स्पोर्ट्स डे

२५ दिसंबर को मेरे स्कुल में वार्षिक स्पोर्ट्स डे है . मै भी एक इवेंट में भाग ले रहा हूँ . मै साइकलिंग में हिस्सा ले रहा हूँ . इस लिए दिन में खूब प्रैक्टिस चल रही है . जीत के लिए आपकी शुभकामनाए चाहिए .



माधव राय

Tuesday, December 20, 2011

कलर पेंटिंग शुरू





Monday, December 19, 2011

दिल्ली की सर्दी शुरू









Thursday, December 15, 2011

फ्रोग चेयर

मेरा फ्रोग चेयर देखे . नाना जी ने खरीदा है .














Wednesday, December 14, 2011

रोज ब्रश क्यों करे ?

आज सुबह जब माधव ब्रश कर रहे थे तो मम्मी से पूछा - हम ब्रश क्यों करते है ?,
जबाब मिला -दांत साफ़ रखने के लिए
फिर सवाल -दांत साफ़ क्यों करते है ?
जबाब मिला -क्योकि हम रात को खा कर सोते है इसलिए दांत गंदे होते है
फिर सवाल - हम रात को क्यों खाते है ?

क्या क्या जबाब दिया जाय , माधव के सवाल रुकते ही नहीं !

Tuesday, December 13, 2011

दिल्ली हुई सौ साल की


दिल्ली को राजधानी बने सौ साल ( १२ दिसंबर को ) पुरे हो गए है .मेरी दिल्ली की कुछ नज़ारे मेरे साथ...
















Wednesday, November 30, 2011

ब्लोगिंग पर वापसी

करीब एक महीने माधव के ब्लॉग से दूर रहा . छठ पर गांव गया था , उसके बाद आरा (बिहार ). दिल्ली आये १५ दिन हो चुके है . माधव के बारे में लिखने की कई बाते है , मगर आज सिर्फ कुछ तस्वीरे..










Sunday, October 30, 2011

छठ त्यौहार पर आज आरा रवाना

Monday, October 24, 2011

दिवाली की शुभकामनाएं

दिवाली कार्ड्स

Friday, October 7, 2011

" आज भी रामलीला देखने जाऊँगा "

माधव आज सुबह जब जगे तो कहा " पापा ! आज भी रामलीला देखने जाऊँगा ". कल माधव को लेकर रामलीला देखने गया था . वहा का मेला , झूले और माहौल जनाब को बहुत पसंद आया . दो झूलों का आन्नद भी लिया . तभी मेले की खुमारी आज सुबह तक थी और जगते ही मेला जाने की बात की .

वैसे त्यौहार और मेलो का असली मजा बच्चे ही लेते है . बच्चों को हर नयी चीज अच्छी लगती है . फिर जैसे जैसे बड़े होते जाते है इन चीजों से दिल भरता जाता है . आप मेलो में उम्रदराज आदमी को कम ही देखेंगे .











Monday, October 3, 2011

रजत पदक


माधव को अपने स्कुल के इंग्लिश राइम कम्पटीशन (30 सितम्बर) मे सिल्वर मेडल मिला है . ये मेडल माधव को बा बा ब्लैक शीप पोएम को गाने से मिला है .माधव को रजत पदक मिलने से हम बहुत खुश है .
माधव का स्कुल दुर्गापूजा और दशहरे की छुट्टियों के चलते एक से दस अक्टूबर तक बंद है . जनाब की मौज है .

Monday, September 26, 2011

ये कौन सा पक्षी है !

कल मेरे घर के पीछे बिजली के खंभे पर एक बड़ा पक्षी आकर बैठा . देखने से तो ईगल प्रजाति का लग रहा था पर मुझे इसका नाम नहीं पता ! वैसे इसको देखकर बड़ा अच्छा लगा . दिल्ली जैसे शहर में ऐसे पक्षियों की मौजूदगी सुखद एहसास है .






Thursday, September 15, 2011

बारिस

आज मेरी और माधव की नींद बारिस के आवाज के कारण खुली . सुबह में खूब तेज बारिस हुई . माधव नींद से जग कर बोला , " पापा बारिस हो रही है ". मौसम विभाग बोल रहा है कि इस साल १० फीसदी कम बारिस हुई है पर दिल्ली में तो रोज बारिस हो रही है .

बारिस से मेरे गमलो में जबरदस्त हरियाली है . चम्पा में फुल खिले है , पिंक कलर के फुल . आरी पाम अपने शबाब पर है . हरियाली की वजह से गिलहरी , कबूतर , मैना मंडराते रहते है . माधव जब कभी भी रोता है , कबूतरो को दिखाता हूँ , रोना भूलकर कबूतर देखने लगता है .



























Wednesday, September 14, 2011

बटरफ्लाई

बटरफ्लाई माधव को बहुत आकर्षित करती है . बटरफ्लाई को ठीक से पहचान नहीं पाया है ,कीट पतंगों को भी बटरफ्लाई ही बोलता है . पिछले दिन अपनी कॉलोनी के पार्क में गया और बटरफ्लाई के पीछे -पीछे दौड़ा . बटरफ्लाई तो हाथ नहीं लगी , कुछ कीड़े हाथ आ गए . बोला .-"पापा -पापा देखो बटरफ्लाई"


















 
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