कल पापा -मम्मी , बड़े पापा के साथ ड्राइंग रूम में बाते कर रहे थे , मै दूसरे कमरे में खेल रहा था . खेलते खेलते मेरे हाथ पापा की एक कॉपी लग गयी , बस क्या था , एक-एक पन्ना के चीथड़े उड़ा दिए . जब सारी कॉपी फाड़ डाली तब कोई कमरे में आया . तब तक ,बहुत देर हो चुकी .मै हंस कर दूसरे कमरे में भाग गया . अब तो बस एक तस्वीर ही ली जा सकती थी , मेरे उत्पात के प्रमाण की .आप भी देख ले
उत्पात करने के बाद हंसता हूँ , फिर कोई कुछ कहे भी तो कैसे
16 comments:
bade shararti ho bhai.....
galat baat hai...
lage raho madahav ji.....
yahi to din hai shararat ke......
ऐसे नहीं करते बच्चे!.....गंदी बात ! सॉरी बोलो पापा को....
और हाँ हमेशा ऐसे ही मुस्कुराते रहो.
God Bless !
बहुत अच्छे।
हम तो स्कूल खुलते ही अपनी ही किताब कापी फाडने लगते थे। यह भी एक क्रियेटिव एक्टिविटी है।
not too good... :) naughty!
माधव भैया, मैं भी आपको फ़ालो कर रही हूँ. कल घर पर आया बिजली का बिल मौका मिलते ही टुकडे-टुकडे कर डाला. लेकिन पापा मेरे इस कारनामे की फ़ोटो नहीं ले पाए. बेचारे सिर पर हाथ रख कर जो बैठ गये थे. ही-ही-ही
यही तो उम्र है शैतानी करने की!
--
आपकी चर्चा तो हमने
बाल चर्चा मंच पर भी कर दी है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/10/25.html
सच है, भला इतनी प्यारी सी मुस्कान पर कौन घुस्सा कर पाएगा !!
अनुष्का
अरे बाप रे..ये क्या कर डाला...गंदी बात न!
हे भगवन ..
Very naughty.
नॉटी ब्वॉय।
He's too cute.
Darryl and Ruth : )
इसी बात पे तो मेरी पिटाई होती थी
मिसफ़िट:सीधी बात
आपका शैतानी हमें तो बहुत अच्छी लगी
तभी तो इसकी चर्चा दोबारा से की है-
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/10/26.html
गन्दी बात ....
अच्छे बच्चे उसे फाड़ते नहीं है मेरे जैसे उसको रंगीन बनाते है :)
---------------
मेरे ब्लॉग पर -
Trick or Treat .......................
Post a Comment