ये कोई साउथ इंडियन फिल्म का टाइटल नहीं है , इस हफ्ते मै वास्तव में Destroyer बन गया हूँ. मैंने इस पुरे हफ्ते तीन चीजों पर अपना हाथ आजमाया और वे तीनो चीजे अब खराब हो चुकी है .
पहली चीज : मेरा पहला शिकार रहा , मम्मी का मोबाइल . ये मोबाइल पापा ने तीन साल पहले मम्मी को गिफ्ट की थी. मैंने खेल खेल में वो मोबाइल पानी से भरी हुई बाल्टी में डाल दी , पाच मिनट बाद पापा मुझे देखने आये तो मोबाइल पानी में गोते लगा रहा था . , damage control के तहत बैटरी निकाल दी गयी पर जनाब स्वर्ग सिधार चुके थे.
दुसरी चीज : मेरा दुसरा शिकार रहा , कैनन पॉवर शोट डिजिटल कैमरा . मैंने एक हाथ मारा , कैमरा पापा के हाथ से छुट कर सीधे जमीन पर आ गिरा , कैमरे की लेंस निकली हुई थी सो कैमरा लेंस के बल ही जमीन से टकराया , लेंस टूट गया और कैमरा ने काम करना बंद कर दिया है .कैनन(Canon) का ये कैमरा दिल्ली में बनता भी नहीं है , इसका सेर्विस सेंटर गुडगाँव में है . कम्पनी वाले भी कम नहीं है , कैमरा जयादा दिल्ली में बिकता है पर सेर्विस सेंटर गुडगाँव में रखा है .
तीसरी चीज : हमारा एल सी डी भी खराब हो गया है , इसमें मेरा कोई दोष नहीं है पर पापा मेरा नाम इसमें भी घसीट रहे है .
अब गलतियां की है तो सजा तो मिलेगी , तो पापा ने मुझे कान पकड़ पर उठक बैठक कराया , मुझे सीखाने के लिए पहले खुद भी उठक बैठक की . कान पकड़कर उठक बैठक मुझे करने में बहुत मजा आया
अगले कुछ दिनों में कम्पूटर का नंबर आ सकता है .
14 comments:
अच्छे बच्चे भी शरारत करते हैं । अब इसमें गलती आपकी थोड़े ही है । वो तो मम्मी पापा ने ही ध्यान नहीं रखा अपनी चीज़ों का ।
चलो उठक बैठक से अभी से पहलवानी शुरू।
हा हा हा.. पहले मोबाइल फिर केनन का कैमरा जिसका लैंस दिल्ली में नहीं बनता और फिर जानबूझकर एलसीडी में नाम घसीटा जा रहा है...भई ये तो नाइंसाफी है ऊपर से उठक बैठक....ये ही तो अभी इनकी पूंजी है जो हमेशा हमारे पास बाद में दोगुना होके मिलेगी...। खूब।
अरे बाप रे, इत्ता पनिशमेन्ट--इत्ते प्यारे बच्चे को.
शाबाश बेटा !!यूं ही तरक्की करोगे
वैसे थोडा ज्यादा उठक बैठक करो नहीं तो किसी और को तुम्हें उठाना बैठाना पडेगा
अगर यादास्त ठीक रही तो ये सज़ा हमेशा सही राह पर ही रखेगा।
बेटा, अगर मेरा बापू भी ब्लॉग लिखता तो यही लिखता
नीरज: डी देस्ट्रोयर
@ डॉ टी एस दराल
thnx for the support
@नीरज जाट जी
thnx for similar character
koi baat nahin Madhav.bacche aisa karke hi sikhte hain.
aur har punishment ko enjoy karo...
:)
मैंने इस पुरे हफ्ते तीन चीजों पर अपना हाथ आजमाया और वे तीनो चीजे अब खराब हो चुकी है ....पापा से कहो जल्दी से इन्हें सही कराएँ , तभी तो फिर से इन पर हाथ आजमा पाओगे.
thanks madhav ji
aamin
...bahutkhob
पनिशमेन्ट में भी कितना ज्यादा क्यूट लग रहा है हमारा माधव :)
बेटे इतनी शरारत भी मत किया करो !!
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