Wednesday, May 12, 2010

गिटारिस्ट माधव

संजीव अंकल हमारे पडोस में रहते है , पापा के दोस्त है . Jazz और Rock संगीत के शौकीन है ,
Jazz और Rock
सुनते भी है और गिटार बजाते है .एक दिन मै पापा के साथ उनके घर पहुचा , घर में छानबीन करने के बाद उनका गिटार दिखा , मेरी सहजबुधी
ने मुझे बता दिया की ये कोई बजाने वाला यन्त्र है.बस क्या था , मैंने गिटार पर अपना हाथ साफ़ करना शुरू किया .
गिटार के स्ट्रिंग्स को छेड़ कर एक नयी धुन बनाई ,वो धुन आप भी सुनेंगे क्या ?








6 comments:

Akanksha Yadav said...

बहुत खूब..पूत के पाँव पालने में..बधाई !!

नीरज मुसाफ़िर said...

अरे ओ,
गिटार तो बजा ली। बढिया है।
गर्मी चल रही है। अब गंजे होने का मौसम है भई।

कडुवासच said...

.... बहुत सुन्दर !!!

M VERMA said...

गिटार तो खूब बजाया
लगता है खूब मजा आया
क्या खाया क्या पीया
ये बात तो नहीं बताया
वैसे धुन अच्छी है. कापीराईट करवा लेना. इस सुन्दर धुन के साथ हर काम में धुन के पक्के बन जाओ.
फिर मिलेंगे

रावेंद्रकुमार रवि said...

मनभावन होने के कारण
चर्चा मंच पर

इंद्रधनुष के सात रंग मुस्काए!

शीर्षक के अंतर्गत
इस पोस्ट की चर्चा की गई है!

संजय भास्‍कर said...

....बेहद प्रभावी

 
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