बड़े पापा आये और सायकिल खरीदा . पर ये मुझे अभी चलानी नहीं आ रही है . बड़े पापा रोज सुबह शाम मुझे सायकिल चलाना सीखा रहे है . चक्कर ये है की पैर नीचे से सायकिल के पैडल को खींच नहीं पा रहा है . इसके चलते आधा आधा पैडिल ही घुमाता हूँ , धीरे धीरे ही सही पर सायकिल चल तो रही है .
एक बात और बड़े पापा ने मुझे सायकिल सीखाया तो मैंने भी गुरु दक्षिणा में उन्हें कंप्यूटर का यु पी एस बंद करना सिखाया .
12 comments:
बधाई हो ....
और क्या बढ़िया गुरु दक्षिणा है ...:)
Good Practice.Lage raho Madhav :)
lage raho madhav ji...
..............jab shikh lo to hume bhi ghumana
Nayee cycle aur wah bhi apni ho to chalani ka maja kuch or hi hota hai... bahut achhi lag tasveeren
अबे सीट नीचे करवा ले फ़िर धीरे धीरे अभ्यास हो जायेगा, लेकिन बेटा सडक पर मत चलाना,ऎसी जगह चलाओ जहां कोई कार वगेरा ना आती हो
हॉं बेटा, पहले साइकिल सीख लो तभी तो बाइक का नम्बर लगेगा।
हॉं बेटा, पहले साइकिल सीख लो तभी तो बाइक का नम्बर लगेगा।
बेटा, हेलीकॉप्टर से सीधे साइकिल पर?
अरे माधव ! तुम्हारी साइकल तो बहुत अच्छी है ...बधाई !
माधव यह दिक्कत तो हाईट के कारण मुझे भी आई थी फिर ममा ने मुझे अपनी देसी ट्रिक कैची चलाने की हिदायत दी वह काम भी की . खैर ! अब तो में यहाँ LA में हूँ और मेरी साईकल NJ में लेकिन तुम भी ट्राई करना . कल हेलोवीन की थकान के कारण तुम्हारी पोस्ट नहीं देखी थी सो आज ही देखी ...तुम्हारा हैलीकाप्टर तो बहुत अच्छा है , आज कल बड़ी मौज चल रही है :)
ढेर प्यार
आज मेरे ब्लॉग पर देखना डॉग परेड ....हा सच्ची !!
अनुष्का
प्रयास जारी रखो
Han Madhav.... Practice to karani padegi...
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