आज कल मै नक़ल खूब कर रहा हूँ . पापा को हेलमेट पहन कर बाइक चलाते देख कर मै भी हेलमेट पहन कर अपना थ्री व्हीलर चलाता हूँ . पापा को गाड़ी चलाते देख मेरा मन भी हिलोरे मारने लगा है, गियर बदलने का मन करता है. जिद करके ड्राइविंग सीट पर बैठ जाता हूँ , चाबी लगाता हूँ , गाना बजने लगता है फिर खूब स्टीरिंग घुमाता हूँ .पापा इसे आभासी ड्राइविंग कहते है .
Thursday, October 14, 2010
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13 comments:
लगता है बड़े होकर तुम फट से गाड़ी चलाना सीख लोगे, मगर बहुत तेज नहीं चलाना !
अभी आप छोटी बाइक पर हैलमेट लगाकर काम चला लो बड़े होकर फौर व्हीकल चला लेना .... अभी आपको लाइसेंस की प्राब्लम आयेगी न ....
oh oh...badi jaldi me ho madhav...chalo ahccha hai fayda hume hi hai...bike per na sahi gadi me to lift de do doge :)
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aur ara jane ka program kab ka banaya...saath pahuchna tha hume yaad hai na ??
hmare pyare bhtije ko pyaar hi pyar bs aese hi ntkht bne rhnaa betaa. akhtar khan akela kota rajsthaan
माधव बेटा, अभी से ड्राइविंग। किसी गर्लफ्रैन्ड से मिलने जाना है क्या?
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वर्धा सम्मेलन: कुछ खट्टा, कुछ मीठा।
….अब आप अल्पना जी से विज्ञान समाचार सुनिए।
माधव, आपके ब्लॉग पर आया तो बहुत ख़ुशी हुई ...आप एक ब्लोगर हो (नन्हे ब्लोगर )
अब आप कार भी चलाने का प्रयास करने लगे है..और आपसे हम सभी को उम्मीद भी है.की .आप अपनी मीठी बदमाशियों से हमें गुदगुदाते रहेंगे... अल्लाह आपको हम सभी का पथ-प्रदर्शक बनाये .
आप के सभी फोटो मन मोह गए.
Madhav,
Abhi photo tak hi rakhna ,thoda inzar karna.han pose achchey hain .
सही है, जल्दी ही असल में चलाने लगोगे..तब आभासी नहीं..शुभकामनाएँ.
अभी से ड्राइविंग।
बहुत खूब, लाजबाब !
wah madhav....han jaldi hi gadi seekh loge tum
बस ब्रेक तक पैर पहुचने दो फिर :).....जल्दी बड़े हो जाओ फिर बहुत गाड़ी चलानी है !
मै भी आ जाऊ आइसक्रीम खाने जायेंगे :)
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