Thursday, November 5, 2009

मम्मी की लोरी

मम्मी अक्सर दो लोरी गाती है , मम्मी मुझे सुलाने के लिए ये लोरी गाती है --

चुप रह चुप रह बाल बच्ना
तोहार माई बाबू गईले
शिकार खेलना
सझियाँ के आइहे भर अंगना
दुधवा पिलईहे
भर पेटवा


मम्मी की दुसरी लोरी---

चन्दा मामा दूर के
पुआ पकावे गुड़ के
अपने खाए थाली में
मुन्ना को दे प्याली में
प्याली गए टूट
मुन्ना गया रूठ

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