कल खेलते खेलते पापा की घड़ी पर नजर गयी . पहन कर देखा कैसी लगती है , कुछ देर तक पहना , कलाई न नहीं आयी तो बाह ने पहन ली . कुछ देर पहना , फिर फेक दिया . अभी समय से बंधने का समय नहीं है भाई !
Wednesday, November 18, 2009
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