पापा ये लोरी मुझे रोज सुनाते है, अपने पैरों पर चढा कर .भोजपुरी भाषा की ये लोरी अगर आप समझ सकते है तो इसका अर्थ मुझे बताये
घुघुआ मामा
उपजे धामा
एही मुहे आवे ले
बबुआ के मामा
नाक कान छेदा देले
लडुआ टिकरी थमा देले
घोडा पे चढा देले
घोडा दौडा देले
हम मंगनी तो ना देले
बुधिया माई आई तो हमार दोष ना हो
Thursday, November 5, 2009
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1 comments:
समझ में तो नहीं आया :)
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