कल सुबह नींद खुली तो मम्मी पापा दोनों नहीं थे .मम्मी का एक्साम था और पापा मम्मी को लेकर एक्साम सेंटर पर छोड़ने गए थे , सुबह ही मामा शिमला से आ गए थे तो मामा घर पर थे . थोड़ी देर बाद पापा मम्मी को एक्साम सेंटर पर छोड़कर घर आ गए . मैंने अपने दिनचर्या रोज के काम से शुरू की पर मम्मी के ना होने से कुछ खाली खाली सा लग रहा था . पापा और मामा नास्ते के लिए हकीकत नगर की कचौरी खाने मुझे साथ लेकर गए . हकीकत नगर के गली नंबर ०७ में ये दूकान स्थित है जहां दाल भरी हुई खस्ता कचौरियां , ब्रेड पकौड़े , आलू पकौड़े और गरमा गर्म गुलाब जामुन मिलता है . पापा और मामा ने दो दो कचौरियां ली , मैंने दोनों में से शेयर किया . फिर पापा ने एक ब्रेड पकौडा लिया . आखिर में दोनों ने दो दो गुलाब जामुन लिया , जो मुझे सबसे अच्छा लगा . मैंने गुलाब जामुन खूब चाव से खाया . उसके बाद हम घर को आ गए . अब मै मम्मी को खोजने लगा था , और मै रोने लगा , पापा समझे की भूख से रो रहा है सो उन्होंने मेरे बोतल में मुझे दूध दिया , दूध गर्म था सो मैंने नहीं पी फिर मामा ने वो दूध को ठंडा कर के मुझे दिया , मैंने थोड़ा सा दूध पीया और फिर रोने लगा . अब पापा मुझे बहलाने के लिए बाहर ले गए , मम्मी से जुदाई का गम मुझे बर्दास्त नहीं हो रहा था और रह रह कर मम्मी की याद मुझे रुला रही थी . तकरीबन दो दोपहर को मम्मी आई और आते ही मै मम्मी की गोद में समा गया .
गली नंबर -07 हकीकत नगर , किंग्सवे कैंप दिल्ली-7
mouthwatering
कचौरियों का स्वाद भी लाजवाब था
गरमा गरम गुलाब जामुन मुझे बहुत अच्छे लगे
गली नंबर -07 हकीकत नगर , किंग्सवे कैंप दिल्ली-7
2 comments:
भैया... ललचा रहे हो हमें :)
इतने लालची मत बनो .. संतोषं परम् सुखम !!
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