क्या बिन पहिये की गाडी हो सकती है ? मेरे पास है , मामा मेरे लिए शिमला से टॉय ट्रेन खरीद कर ले थे .मैंने खेल खेल में उस ट्रेन के एक एक करके चारों पहिये तोड़ डाले और ट्रेन बन गयी ,बिन पहिये की ट्रेन.
मेरा नाम माधव हूँ.. .. मेरा जन्म मंजू गीता मिश्रा होस्पीटल पटना में हुआ .आज कल मै मम्मी - पापा के साथ दिल्ली में रहता हूँ.सबका लाडला हूँ और खूब शैतानियाँ करता हूँ . इन सबको सहेज कर पापा (मृत्युंजय कुमार राय) ने ये ब्लॉग बनाया है जहां आप मेरे जहाँ को देख- पढ़ सकते है.
पापा का अपना ब्लॉग भी है - http://qsba.blogspot.com/
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