Thursday, June 10, 2010

कुछ मीठा हो जाए

ना ही आज पहली तारीख है और ना ही कुछ नया हुआ है , पर मै मीठा खा रहा हूँ . डेयरी मिल्क ने निर्धारित कर रखा है की पहली तारीख को "मीठा है खाना...... ". पापा कहते है की पहले मीठा मतलब होता था , गुड़ मिश्री , या लड्डू पर आज डेयरी मिल्क चोकलेट इस पोस्ट का स्वघोषित उम्मीदवार बन बैठा है , ठीक वैसे ही जैसे "ठंढा मतलब कोका कोला ".


पर मेरा फंडा कुछ अलग है , मै मीठा तभी खाता हूँ जब मेरा दिल करता है , किसी तारीख से मुझे मतलब नहीं है . मामा रोज मुझे शाम को घुमाने पार्क में ले जाते है , वही पर अरोरा जेनरल स्टोर की दूकान है, वही से चोकलेट खरीदते है और मै आराम से चोकलेट खाता हूँ .

आप भी देखिये कैसे ! पर मुहँ से पानी नहीं आना चाहिए


मेरी चोकलेट




क्या स्वाद है !





12 comments:

दिलीप said...

are waah...khao bhaiya khao khaane peene ke din hai...lage raho..mauj karo...

स्वप्न मञ्जूषा said...

mujhe bhi khaana hai ..:):)

Akshitaa (Pakhi) said...

बहुत खूब माधव, अकेले-अकेले !!

संजय भास्‍कर said...

sari mat khana mereiye bhi bachana bhai...

संजय भास्‍कर said...

lage raho madhav ji...

नीरज मुसाफ़िर said...

बेटा, अगर तुम हमारे यहां आते तो हम पता है क्या खिलाते?
गुड।
सच्ची में, बिल्कुल चौकलेट जैसा ही दिखता है।

अंजना said...

ब‌हुत खुब ....पर क्या है माधव मैने अपने आप को बहुत रोका पर क्या करे मुँह मे पानी आ ही गया ।:-)

मेरा शनि अमावस्या पर लेख जरुर पढे।आप की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा ....आभार
http://ruma-power.blogspot.com/

शोभना चौरे said...

khao khoob khao abhi to doodh ke dant hai ?jb pkke dant aye to jara kam khana han...

M VERMA said...

भई मुँह में पानी आ ही गया क्या करूँ मीठा मुझे भी बहुत पसन्द है, कौन से पार्क जाते हो .... कल मिलू क्या .. मेरा भी मुँह मीठा करवा देना.

Udan Tashtari said...

हमें भी...हमें भी...मामा से कहो समीर अंकल के लिए भी एक दिला दें.

Indrani said...

Beautiful captures Madhav.

Shabad shabad said...

ब‌हुत खुब ....माधव ....

 
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