कुतुबमीनार घुमने के अगले दिन भी हमारे मेहमानों का दिल्ली भ्रमण का प्रोग्राम बना . मम्मी ने पापा को भी ऑफिस नहीं जाने दिया . हम सभी फिर दिल्ली घुमने निकले , आज पापा भी थे . सबसे पहले लाल किला गए ,पापा ने टिकट कटाया , मेरा टिकट नहीं लगा , लाल किला बहुत बड़ा था . वहां हमने किले के अन्दर , लाहौर गेट , दीवान ऐ आम , दीवाने ख़ास , हम्माम , मोती मस्जिद, म्युजियम देखा . किला इतना बड़ा था की घूमते घूमते कई घंटे लग गए, धुप और गर्मी बहुत तेज थी सब थक गए और मै भी . पर मम्मी मेरे लिए बोतल में दूध लाई थी सो मै तो वही शुरू हो गया , पेट पूजा की, फिर घुमा .
लाल किला घुमने के बाद बाकी सभी को भूख लग गयी, सो के बाद हम चांदनी चौक आ गए , और गुरुद्वारा शीश गंज साहिब होते हुवे सीधे हल्दीराम की दूकान में प्रवेष कर गए . राज कचोरी , दही भल्ला , वेज नुडल्स और छोले चावल का आर्डर दिया गया . मेरा फेवरीट तो आप जानते ही है ! जी हाँ नुडल्स ! और मै लग गया नुडल्स खाने में . खाना खाने के बाद हम सब कनाट प्लेस के लिए निकले , तभी हमारे ग्रुप के एक सदस्य फूफाजी कही गम हो गए ,और एम् टी एन एल का नेटवर्क भी ख़तम हो गया . अब चांदनी चौक में कोई गुम हो जाए तो ढूढने में समय तो लगेगा ही , तो उन्हें ढूढने में कुल एक घंटे लग गए , फिर हम कनाट प्लेस गए , इनर सर्किल का एक चक्कर मारा और सीधे घर वापस.
लाल किला
लाहौरी गेट , लाल किला
दीवान -ऐ -आम में माधव
दीवान -ऐ -ख़ास में माधव
थक गया ,अब थोड़ी पेट पूजा भी ( पीछे मोती मस्जीद है )
हल्दी राम रेस्टोरेंट , चांदनी चौक में नुडल्स पूजा
6 comments:
अरे वाह , माधव बेटे आप तो छोटी सी उम्र में ही लाल किला घूम लिए । बहुत अच्छा लगा न लाल किला । और नूडल्स देखकर तो मूंह में पानी आ गया ।
aapke to maje hi maje hai..
खूब घूमने और मस्ती करने की...
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'पाखी की दुनिया' में इस बार माउन्ट हैरियट की सैर करना न भूलें !!
maje ho rahe hai madhv ji-badhai
@ डॉ टी एस दराल, संजय भास्कर , अक्षिता (पाखी), psingh
धन्यावाद .
madhaw g chawmin akele akele
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