इन दिनों मेरे खिलोनों का स्टोक बढ़ गया है , कई नए खिलोने मेरे स्टोक में ऐड हुवे है. खेलने की मौज हो गयी है . खिलोनों में सारी गाडिया ही है , जिप्सी , फेरारी , टैंक , सुमो . कभी जिप्सी चलाता हूँ , मर भर जाए तो फेरारी की सवारी कर लेता हूँ , एक गाडी तो रिमोट कण्ट्रोल से चलती है .इन खिलोनों ने मेरे दोस्तों में मेरी धाक जमा दी है और मेरे खिलोने चलाने के लिए मुझसे दोस्ती बढाने लगे है .
जिप्सी चलाते चलाते बोर हो गया तो , ऑटो मोबाईल इंजिनियर बन गया , जिप्सी के पुर्जे- पुर्जे खोल दिए , दोनों अलग कर दिया, पर इंजीनियरिंग फेल हो गयी ,और इंजन और चेसिस मुझसे नहीं जुड़े , फिर पापा -मम्मी ने मिलकर इंजन और चेसिस को एक साथ सिलो टेप लगाकर जोड़ा , तब जाकर जिप्सी फिर चलने लायक बन पायी , पर अब इस जिप्सी का महत्व कम हो गया है , मैंने इसको चलाना छोड़ दिया है , जनाब एक कोने में पड़े रहते है , अब केवल नमन ( मेरा दोस्त ) ही इनको चलाता है .
मेरी इंजीनियरिंग अब दुसरे खिलोनो पर जारी है ......................................
2 comments:
bahut hi sunder
बहुत खूब, लाजबाब !
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