Thursday, April 29, 2010

आयरन मैन

इन दिनों मम्मी - पापा को खूब परेशान कर रहा हूँ . हर काम जो मुझे नहीं करना चाहिए वही कम कर रहा हूँ. पापा चाय पीते है तो कप में पानी डालने की जिद करता हूँ , कोई भी सामान उठा कर घर से बाहर फेक देता हूँ . मोबाइल , कलम , कंघी, खुरपी ,जूते, अपने खिलोने कुछ भी पाता हूँ सीधे घर से बाहर फेकता हूँ . बाहर घुमने की बीमारी (आदत) तो पुरानी है दिन पर दिन बढ़ती जा रही है .पीने के लिए ग्लास में पानी लेता हूँ और पुरे घर में पानी फेंकता हूँ , कभी कभी स्लीप भी हो जाता हूँ . पापा को टी वी नहीं देखने देता हूँ , टी वी देखने बैठते है तो सीधे स्वीच से ही टी वी बंद कर देता हूँ , जबरदस्ती कम्पूटर खोलने के लिए कहता हूँ , फिर मोनीटर के स्वीच से मोनीटर ओफ कर देता हूँ . शैतानियाँ इतनी है की गिनाई नहीं जा सकती है, मम्मी बहुत परेशान होती है तो पापा मम्मी का धैर्य बढाते है कहते है " माधव आज शैतानी नहीं करेगा तो कब करेगा ".
अब तस्वीर में ही देखिये , आयरन देखा मैंने और शुरू हो गया








8 comments:

संगीता पुरी said...

शैतानी करना तो तुम्‍हारा जन्‍मसिद्ध अधिकार है .. और उसे झेलना मम्‍मा का कर्तब्‍य !!

माधव( Madhav) said...

@ संगीता पुरी


प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद

yugal mehra said...

अच्छे शैतान, शाबाश

नीरज मुसाफ़िर said...

अरे ओये, ये पोस्ट क्या तूने किसी के दबाव में लिखी है?
अगर खुद लिखता तो, इन्हे शैतानियां नहीं, उपलब्धियां बताता।

माधव( Madhav) said...

@ नीरज जाट जी

धन्यवाद

माधव( Madhav) said...

@ नीरज जाट जी


ठीक कहाँ आपने, ये तो मेरी उपलब्धियां है . सही सलाह के लिए धन्यवाद

Akshitaa (Pakhi) said...

शैतानी ही तो बच्चों की पहचान है..जमकर शैतानी करने की.

रावेंद्रकुमार रवि said...

मनभावन होने के कारण
चर्चा मंच पर

मेरा मन मुस्काया!

शीर्षक के अंतर्गत
इस पोस्ट की चर्चा की गई है!

 
Copyright © माधव. All rights reserved.
Blogger template created by Templates Block Designed by Santhosh
Distribution by New Blogger Templates