इस हफ्ते मेरे टॉय बैंक में दो नए खिलौने शामिल हुए . पहला खिलौना है ,एक लक्जरी कार. मम्मी के जन्म दिन ( 9 दिसंबर ) की शाम हम घूमने कनाट प्लेस गए थे . वही कोरीडोर में सजी एक पटरी की दूकान पर से पापा ने मेरे लिए एक ब्लू रंग की गाड़ी खरीदी. इस गाड़ी से इतना प्यार हुआ कि दो दिन तक मैंने इसे किसी को छूने भी नहीं दिया . सोते समय भी इस गाड़ी को साथ लेकर ही सोया . हद तो तब हो गयी , जब रात में नींद खुली तब भी कार के बारे में ही पूछ रहा था.
दुसरा खिलौना मेरी गुंजा बुआ ने दिया . ११ दिसंबर को बुआ, फूफाजी और अनुष हमारे घर आये थे . बुआ मेरे लिए एक चाइनीज पिस्टल( लेजर गन ) लाइ थी . मै भी बहुत दिन बाद अनुष से मिला . वो अब चलने लगा है और बहुत ही क्यूट लग रहा है . रंग तो इतना गोरा है कि अंग्रेज लगता है .
माधव और अनुष
अनुष
10 comments:
aree wah bahut hi badhiya khilone hai tumhare madhav...
tumhe aur anush ko bahut pyar...
bahut sundar khilone hai aapke :)
अरे वाह!! अब तो खूब मजा आ रहा होगा.
खूब खेल लो बच्चे यही दिन हैं :) मौज के.
खिलौनों के साथ हँसते-मुस्कराते हुए खेलते हो,
तो बहुत अच्छे लगते हो!
दोनों ही खिलोने बहुत अच्छे है और अनुष तो सच्ची बहुत क्यूट लगता है :)
अनुष्का
बहुत सुन्दर खिलोने| अनुष तो बहुत क्यूट लगता है|
I LIKE TO READ YOUR BLOG MADHAV..............
I LIKE UR BLOG TOO MUCH MADHAV..............
दुसरा खिलौना मेरी गुंजा बुआ ने दिया . ११ दिसंबर को बुआ, फूफाजी और अनुष हमारे घर आये थे . बुआ मेरे लिए एक चाइनीज पिस्टल( लेजर गन ) लाइ थी . मै भी बहुत दिन बाद अनुष से मिला . वो अब चलने लगा है और बहुत ही क्यूट लग रहा है . रंग तो इतना गोरा है कि अंग्रेज लगता है .
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