Thursday, December 16, 2010

दो नए खिलौने


इस हफ्ते मेरे टॉय बैंक में दो नए खिलौने शामिल हुए . पहला खिलौना है ,एक लक्जरी कार. मम्मी के जन्म दिन ( 9 दिसंबर ) की शाम हम घूमने कनाट प्लेस गए थे . वही कोरीडोर में सजी एक पटरी की दूकान पर से पापा ने मेरे लिए एक ब्लू रंग की गाड़ी खरीदी. इस गाड़ी से इतना प्यार हुआ कि दो दिन तक मैंने इसे किसी को छूने भी नहीं दिया . सोते समय भी इस गाड़ी को साथ लेकर ही सोया . हद तो तब हो गयी , जब रात में नींद खुली तब भी कार के बारे में ही पूछ रहा था.





दुसरा खिलौना मेरी गुंजा बुआ ने दिया . ११ दिसंबर को बुआ, फूफाजी और अनुष हमारे घर आये थे . बुआ मेरे लिए एक चाइनीज पिस्टल( लेजर गन ) लाइ थी . मै भी बहुत दिन बाद अनुष से मिला . वो अब चलने लगा है और बहुत ही क्यूट लग रहा है . रंग तो इतना गोरा है कि अंग्रेज लगता है .



माधव और अनुष


अनुष

10 comments:

Shubham Jain said...

aree wah bahut hi badhiya khilone hai tumhare madhav...
tumhe aur anush ko bahut pyar...

Anonymous said...

bahut sundar khilone hai aapke :)

Udan Tashtari said...

अरे वाह!! अब तो खूब मजा आ रहा होगा.

Yashwant R. B. Mathur said...

खूब खेल लो बच्चे यही दिन हैं :) मौज के.

रावेंद्रकुमार रवि said...

खिलौनों के साथ हँसते-मुस्कराते हुए खेलते हो,
तो बहुत अच्छे लगते हो!

रानीविशाल said...

दोनों ही खिलोने बहुत अच्छे है और अनुष तो सच्ची बहुत क्यूट लगता है :)
अनुष्का

Patali-The-Village said...

बहुत सुन्दर खिलोने| अनुष तो बहुत क्यूट लगता है|

शाहजाहां खान “लुत्फ़ी कैमूरी” said...

I LIKE TO READ YOUR BLOG MADHAV..............

शाहजाहां खान “लुत्फ़ी कैमूरी” said...

I LIKE UR BLOG TOO MUCH MADHAV..............

best summer blanket 2021 said...

दुसरा खिलौना मेरी गुंजा बुआ ने दिया . ११ दिसंबर को बुआ, फूफाजी और अनुष हमारे घर आये थे . बुआ मेरे लिए एक चाइनीज पिस्टल( लेजर गन ) लाइ थी . मै भी बहुत दिन बाद अनुष से मिला . वो अब चलने लगा है और बहुत ही क्यूट लग रहा है . रंग तो इतना गोरा है कि अंग्रेज लगता है .
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