आईडिया की दुनिया , नए नए आईडिया . पर ये आईडिया वाकई काम का है , कोपेनहेगेन सम्मलेन में शायद सभी देशो को इसी बारे में कोई सहमती बनानी चाहिए थी. नो पेपर , नो ट्री कट्टिंग. कह सकते है की आईडिया थोड़ा झक्की टाइप का है पर शुरुआत तो कही से करनी ही होगी , टोलेमी ने भी जब पहली बार वर्ल्ड का मैप बनाया था तो बहुत सी गलतिया थी .
Monday, January 11, 2010
क्या आईडिया है सरजी
आईडिया की दुनिया , नए नए आईडिया . पर ये आईडिया वाकई काम का है , कोपेनहेगेन सम्मलेन में शायद सभी देशो को इसी बारे में कोई सहमती बनानी चाहिए थी. नो पेपर , नो ट्री कट्टिंग. कह सकते है की आईडिया थोड़ा झक्की टाइप का है पर शुरुआत तो कही से करनी ही होगी , टोलेमी ने भी जब पहली बार वर्ल्ड का मैप बनाया था तो बहुत सी गलतिया थी .
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
ये विज्ञापन हमने भी अभी देखा है बहुत बढ़िया लगा कि तुम भी पेड़ के लिये चिन्त्तित हो।
ऐसा चिन्तन बहुत जरुरी हो गया है. कोपेनहैगन वार्ता असफल हुई है किन्तु हरित क्रांति का प्रयास नहीं...
दो रोज पहले ही अपना बोर्डिंग पास मोबाइल से थ्रू करा कर बहुत अच्छा महसूस किया. नो पेपर..कोई ईटिकिट नहीं..कोई बोर्डिंग पेपर नहीं.
लोग जागरुक हो रहे हैं, दुनिया बदल रही है.
Post a Comment