Thursday, January 7, 2010

रिक्शे की सवारी


एक दिन दादी के साथ रिक्शे की सवारी की , बहुत मजा आया . दादी के बारे में एक खासियत यह है की वो रिक्शे वाले को तय किराए से जयादा किराया देती है. इसका लाभ यह है की मेरी दादी को देखते ही रिक्शा वाले दादी को बैठाने के लिए दौड़े चले आते है . दादी का व्यवहार रिक्शे वाले के प्रति बहुत ही अच्छा होता है . वो रिक्शे वाले से यात्रा के दौरान उसके घर द्वार के बारे में पूछती है और सब कुछ ठीक हो जाने की दिलासा देती है ( all is well के स्टाइल में ) . दादी अक्सर कहती है रिक्शे वाले से लोगो का व्यवहार अच्छा नहीं हो ता है जबकि वो इसके हकदार है .दादी के साथ रिक्शे का पहला सफ़र बहुत अच्छा रहा , बाहर घुमने का मौका जो मिला .










 
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