यह सफर मैंने दिसंबर,2012 के प्रथम सप्ताह मे किया था . इस यात्रा को शुरू से पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करे
पिछली बार धनोल्टी मै जनवरी ,2011 मे दोस्तों के साथ आया था . नाग टिब्बा ट्रेक(Nag Tibba Trek) से लौट कर केवल रात बिताने के लिए हम धनौल्टी मे रुके था . उस समय पूरा धनौल्टी मे बर्फबारी हुई थी और धनौल्टी बर्फ से पटा हुआ था .
सुरकंडा देवी मंदिर के दर्शन के बाद हमारा अगला पड़ाव धनौल्टी था . सुरकंडा देवी की चढाई और वापसी मे हम काफी थक गए थे अतः धनौल्टी मे सबसे पहले खाना खाया . धनौल्टी मे ज्यादा भीड़ भाड़ नहीं होती है, अतः रेस्तरां मालिक ने केवल हमारे लिए ही खाना बनाया . धनौल्टी बहुत शांत , खाली -खाली पर खूबसूरत रमणीक जगह है . यहा का मुख्य आकर्षण है - इको पार्क जो देवदार का एक बगीचा है जिसमे भीमकाय देवदार है. ये मूलतः एक चिल्ड्रेन पार्क है जिसमे बच्चों के लिए झूले वगैरह है. पार्क मे सीढ़ियाँ बनी थी घूमने के लिए . सुरकंडा देवी मंदिर के दर्शन मे हम काफी चढ -उतर चुके थे अतः दुबारा सीढीयां चढना हमारे लिए मुश्किल भरा था .पार्क मे माधव ने झूलों का खूब मजा लिया और हम चटक धुप मे बैठे धुप सेकते रहे .
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