ये सफर मैंने दिसंबर,2012 के प्रथम सप्ताह मे किया था . सफर को शरू से जानने के लिए नीचे दी हुए लिंक पर क्लिक करे
शांत और सुरम्य धनौल्टी { Serene & Simple Dhanolti}
चम्बा से ऋषीकेश के रास्ते मे कई जगह भू स्खलन हुआ था अतः सड़क कई जगह बहुत टूटी फूटी थी. पुरे रास्ते मे टिहरी जल विद्युत निगम के स्वागत करते बोर्ड दिखे. रास्ते मे थोड़ी दूर तक एक नदी भी हमारे साथ साथ चली , पता नहीं कौन सी नदी थी . रास्ते मे एक झरना भी मिला जिसका नाम बेमुनडा फाल (Bemunda Fall)था . वहा हम थोड़ी देर रुके . वहा से गाड़ी खुली तो ऋषीकेश मे ही रुकी .
कानाताल से दिल्ली वापसी के लिए हमने दुसरा रूट लिया जो ऐसे था - कानाताल -चम्बा -नरेन्द्रनगर - ऋषीकेश-हरिद्वार - मुजफ्फरनगर-मेरठ -दिल्ली. कानाताल से चम्बा का रास्ता ढलान का था . चम्बा एक बाजार जैसा है . चम्बा मे चीड के पेड़ थे और यहाँ से भी हिमालय की बर्फीली चोटियाँ दिख रही थी . चम्बा मे मैंने वोमिटिंग रोकने वाली कुछ दवाइयाँ खरीदी .
इंटरनेट पर चम्बा के बारे मे बहुत कुछ लिखा है पर मुझे चम्बा कुछ खास नहीं लगा . एक चम्बा हिमाचल मे भी है जहां मै २०११ मे गया था . हिमाचल वाले चम्बा के सामने उत्तरांचल वाला चम्बा कुछ नहीं है . चम्बा के बारे मे लिखने लायक कुछ नहीं है .
अगले भाग मे ऋषीकेश की चर्चा ..........................
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