Saturday, October 27, 2012

रामलीला और दशेहरा

पिछले साल (२०११) मै दशहरे के दिन माधव को लव कुश राम लीला कमेटी की रामलीला दिखाने लाल किला मैदान ले गया था . माधव को वहाँ का मेले वाला माहौल (झूले , दुकाने ,) बहुत भाया और तभी से माधव रामलीला देखने की बात कर करते थे .माधव मे कई बार (मई, जून  जुलाई महीने मे ) रामलीला देखने की बात की पर मैंने समझाया कि रामलीला साल मे एक बार ही होती है और वादा किया कि जब भी रामलीला शुरू होगी माधव को लेकर जाउंगा . 

                   माधव के बहुत इन्तेजार के बाद इस साल राम लीला का समय आया . वादे के अनुसार मैंने इस साल माधव को दो दिन रामलीला दिखाया . माधव ने रामलीला देखी , झूले का मजा लिया  और एक तीर धनुष  , एक त्रिशूल और एक गदा खरीदा .

रामलीला  और दसहरा खत्म हो गया है पर रामलीला चलने की मांग बनी हुई है . 
 


























 
 
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