सरकार के इस कृत्य का मै घोर विरोध करता हूँ .
Monday, June 6, 2011
शर्मनाक
रामलीला मैदान में बैठे लोग किसी नौकरी की मांग नहीं कर रहे थे , ना ही ये अपनी अधिगृहित जमीन का मुवावजा मांग रहे थे . ये लोग एक Common Cause के लिए अनशन पर बैठे थे . बिलकुल शांति पूर्ण और अहिंसक अनशन . आधी रात में इन निहत्थो पर लाठी - गोलियाँ बरसाना शर्मनाक है .
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4 comments:
एक शर्मनाक घटना..
माधव जी आप सन्यासी के लक्षण जानें -क्या झूठ बोलना ,धोखा देना, औरतों का वेश धारण करना एवं औरतों केझुन्द में घुस के चोरों की तरह भागना ही सन्यासी के लक्षण होते हैं?धार्मिक भ्रष्टाचार जो आर्थिक भ्रष्टाचार की जननी है उसके खिलाफ ढोंगी-पाखंडी लोग चुप क्यों हैं?जब तक मजार पर चादर और मंदिर में प्रशाद चढाना बंद नहीं होगा तब तक भ्रष्टाचार फलता -फूलता रहेगा.
आजाद भारत की दुखद तस्वीर!
यह सच में शर्मनाक है..... निंदनीय है
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