Thursday, January 27, 2011

आज डोरीमाँन दिखा

पिछले साल नवंबर २०१० में जब मै छठ त्यौहार के दौरान आरा गया था वहाँ वर्षा दीदी और ऋतू दीदी टी वी पर डोरीमाँन नाम का एक कार्टून प्रोग्राम बहुत चाव से देखती थी .मुझे अभी तक कार्टून वगैरह की समझ नहीं है पर चूकि मै उन्ही दोनों के साथ रहता था सो मै भी डोरीमन देख लेता था .

कुछ दिन बाद , मै तो फिर दिल्ली आ गया और डोरीमाँन को भूल गया .पर आज सुबह सुबह अखबार ( हिन्दुस्तान, रीमिक्स ) में डोरीमाँन की तस्वीर आई थी . डोरीमाँन की तस्वीर देखते ही मै डोरीमाँन को पहचान गया और डोरीमाँन-डोरीमाँन चिल्लाने लगा . मै पापा -मम्मी को भी डोरीमाँन की तस्वीर दिखाई और कहा "मेरा डोरीमाँन" .

अखबार में डोरीमाँन के बारे में जानकारी दी हुई है जैसे कि बीसवी शताब्दी का एक डोरीमाँन एक कैट रोबोट है , जो कि एक छोटे बच्चे नोबिता की मदद करता है , जिसका आई क्यू कमजोर है और वह बहुत लेजी बच्चा है .डोरीमाँन नोबिता के जीवन को ठीक करता है . नोबिता का जीवन बहुत ही दयनीय है . वह बहुत ही समस्याओं से तंग रहता है .

आप डोरीमाँन को देखना चाहते है तो रविवार .३० जनवरी को दोपहर एक बजे हंगामा टी वी पर डोरीमाँन देख सकते है .

वैसे मेरी स्कूलिंग सही चल रही है और स्कुल की सारी बातें मै फेस बुक( FACE BOOK) पर करता हूँ .



साभारः हिन्दुस्तान दैनिक और गूगल

5 comments:

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

मुझे भी पसंद है डोरीमान।

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हंसी का विज्ञान।
ज्‍योतिष,अंकविद्या,हस्‍तरेख,टोना-टोटका।

vijai Rajbali Mathur said...

तुम्हारी स्कूलिंग ठीक चल रही है,बहुत खुशी की बात है.

Anonymous said...

लविज़ा को भी डोरीमौन बहुत पसंद है..

राज भाटिय़ा said...

माधब यार जब तक तु बच सकता हे इस डोरी मांन से बच बेटा, मम्मी पापा को बोलना कि तुम्हे इन से जितना दुर रखेगी उतना अच्छा होगा....

माधव( Madhav) said...

@ राज भाटिय़ा

बिलकुल दुरुस्त बात कही है आपने , पापा आपसे पूरी तरह सहमत है

 
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