Wednesday, January 5, 2011

नाना -नानी


परसों नाना - नानी दिल्ली से बक्सर चले गए . ट्रेन तक छोड़ने मै भी गया था . "मै भी बक्सर जाउंगा" ये जुमला मै दस दिन से बोल रहा था . नानी ट्रेन में बैठी तो मुझे एक खिलौना दे कर फुसला दिया और मै बक्सर नहीं जा पाया . पर अब भी मै यही कह रहा हूँ "मै भी बक्सर जाउंगा". नाना -नानी दस बारह दिन हमारे साथ रहे . हमने खूब एन्जॉय किया . नाना अपनी आखोँ से मुझे डराते थे , फिर मै सॉरी बोल देता था .


नाना -नानी बक्सर चले गए , मुझे छोड़कर . फिर भी मै रोज बक्सर जाने की बात करता हूँ . नाना नानी की रोज याद आती है .















5 comments:

अनुपमा पाठक said...

सुन्दर तसवीरें!

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

chitr bahut manmohak..
madhav bhaiya!
baksar jana jaroor.

Manoj Kumar said...

very nice. nana-nani ji phir aayenge. happy new year all of you.

सुरेश शर्मा (कार्टूनिस्ट) said...

तुम सुन्दर..और तुम्हारी तश्वीरें भी सुन्दर हैं ..बधाई !

संजय भास्‍कर said...

तश्वीरें सुन्दर हैं

 
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