ठण्ड धीरे धीरे उतर रहा है . शरीर से स्वेटर का भार हर दिन कुछ कम होता जा रहा है . टोपी और दस्ताने अगले साल के लिए साफ़ होकर रख दिए गए है . जाड़े का मौसम जा रहा है .
जाड़े से सबसे जयादा नुक्सान मेरे पौधों को हुआ है , कडाके की ठण्ड और पाले की वजह से करीब दस गमले सुख गए और बाकी पौधे भी धुप के बिना बीमार लग रहे है . हां संतरे और मौसम्मी के पोधो में फल आया हुआ है और संतरे तो पक भी गए है . संतरे के फल देखने में बहुत सुंदर लगते है . मेरा दोस्त नमन जब भी मेरे घर आता है , संतरे तोड़ने की कोशीश करता है .
8 comments:
अभी यह बदलता मौसम है,थोड़ी सर्दी की एहतियात रख लो.
संतरे खाओ फायदे के हैं.
वाह...मुंह में पानी आ गया...
वाह! इत्ते अछे संतरे! अरे हमरे पड़ोस में आपका घर होता तो मैं भी तोड़ने की कोशिश करती ..अब चोरी न कहना इसे बस्स!!
देखने में तो सचमुच बहुत सुंदर लग रहे हैं!
वाह! इतने अच्छे संतरे! देख कर मुंह में पानी आ गया|
अरे माधब हमे भी भेज दे यार ५०, ६० किलो संतरे:) अगले साल तेरे पोधे नही सुखेगे बेटा, सर्दियो मे उन्हे बरमादे मे या किसी रोशनी वाले कमरे मै रख देना, ओर जब सर्दी बढने लगे तो उस पर मोम जामा ( पलास्टिक की चादर)्थोडी मोटी वाली डाल देना, ओर पानी सप्ताह मे एक बार देना, फ़िर नही सुखेगे तेरे गमले या अन्य पो॑धे
विजय सर की बात पर अमल करना भाई :)
thanx to all for comments
Post a Comment