Tuesday, August 17, 2010

मेरी पहली शिकायत (Complain) आ गयी है

मैंने अब वो काम करना शुरू कर दिया है की जिसके चलते मेरी शिकायत मेरे मम्मी पापा के पास आने लगी है . रविवार को नमन ( मेरा दोस्त) मेरे घर आया हुआ था , खेल खेल में ही मैंने अपनी सायकिल उसके सर पर दे मारी ,उसे चोट लगी ,उसके ललाट पर लाल दाग बन गया. नमन अपने घर गया और अपने घर वालो को पूरा किस्सा सूना दिया . नमन के चाचू( लकी ) ने मेरी शिकायत मेरे पापा -मम्मी से की . पापा मम्मी ने मुझे डाट लगाई . ये मेरे खिलाफ पहला उलाहना था .




नमन ( मेरा दोस्त)

16 comments:

gaurtalab said...

aajkal lagta hai aapki badmaashiya badh gayee hai...ab to aapko mummy - paapa se daant padni hi chahiye.

वीरेंद्र सिंह said...

Dost ke sir par cycle hi maar di.............BAHUT HI GALAT BAAT.

Apne DOST ko SORRY jaroor bolna..OK. aur ab aisa fir kabhi mat karna.
GOD BLESS YOU.

संजय भास्‍कर said...

Paapa se daant padni hi chahiye.

राज भाटिय़ा said...

चल झुठे तुने कल भी तो मारा था इसे..... अबे समभंल जा अपने से बडे बच्चो से पंगा मत ले.... ओर अपनी साईकिल थोडे मारते है, वो टुट गई तो???? अबे पत्थर मार, मारने ओर खाने वाले दोनो को मजा आये:)

मनोज कुमार said...

हूं।
ऐसा नहीं करते ... पापा ने कहा था?

रंजन said...

well done..

nahi yaar sharif ban jaa dost..

love

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

Well done Madhav, keep it up :)

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World said...

गन्दी बात...मार-पिटाई नहीं करते अच्छे बच्चे.

Anonymous said...

kam se kam daat to padni hi chahiye

दिगम्बर नासवा said...

अरे बेटा सम्हल कर ...अभी से मारा मारी ठीक नही ...

Akshitaa (Pakhi) said...

झगडे वाली बात तो पुरानी हो गई.....फिर से दोस्ती हुई की नहीं माधव.

jai pratap singh said...

माधव भाई आप ऐसी गलतियां मत कीजिए, जिससे कि मम्मी पापा बेवजह परेशान हों।
आपका प्रिय दोस्त
जय प्रताप सिंह
सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश

jaipratapsingh80@gmail.com

Pankhuri Times said...

प्यारे माधव भैया, मैं भी अब आप सबके साथ ब्लाग की दुनिया में आ चुकी हूँ.मैं हूँ आप सबकी दोस्त पंखुरी.हम सब छोटे बच्चे मिल कर अब यहाँ भी धूम मचायेंगे.ओके..........

Urmi said...

ज़्यादा बदमाशी मत करो वरना पापा मम्मी सबसे रोज़ डांट मिलेगा ! अच्छा बच्चा बनकर रहना और सबकी बातें सुनना!

डॉ. दलसिंगार यादव said...

माधव जी आप इतने व्यस्त रहते हैं फिर भी धमाचौकड़ी के बाद भी कुछ समय दूसरों के लिए निकाल ही लेते हैं। आपका स्टेमिना क़ाबिले तारीफ़ है। ढेर सारा प्यार व शुभकामनाएं।

arvind said...

aapne bilkul sahi kiyaa...aap apna kaam karo paapaa ko apna duty karane do.

 
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