Monday, August 30, 2010

सोफे पर नींद

शनिवार(28/08/2010) को भारत और लंका के बीच क्रिकेट का फ़ाइनल मैच था . मैच शुरू होते ही पापा टी वी से चिपक जाते है . मै मम्मी की बिंदी का पैकेट लेकर घूम रहा था . कभी पापा को बिंदी लगाता , कभी अपने आप को . मम्मी की बिंदी मुझे बहुत अच्छी लगती है और जब भी कभी मै मम्मी को बिंदी लगाते देखता हूँ , अपने माथे पर भी बिंदी लगवाता हूँ साथ ही साथ बिंदी का पैकेट लेकर खेलता हूँ .
अब शनिवार को पापा मैच देख रहे थे और मै बिंदी का पैकेट लेकर खेल रहा था . खेलते खेलते मै सोफे पर आकार बैठ गया और कब नींद आ गयी पता ही नहीं चला . मुझे शांत देखकर पापा की नजर मुझ पर पडी और ये तस्वीर निकल कर आयी . सच ही कहा है , सोने के लिए नींद की जरुरत है ना की बिस्तर की .



सोने के लिए नींद की जरुरत है ना की बिस्तर की




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8 comments:

दिगम्बर नासवा said...

भाई बड़े कूटी पाई लग रहे हो .... चलो अब जम कर नींद करो ....

Unknown said...

wah, very good Jugad

Unknown said...

xcellent

शिक्षामित्र said...

बच्चों के चेहरे पर आध्यात्मिक शांति दिखती है।

Shubham Jain said...

so sweet looking madhav...

God bless.

रावेंद्रकुमार रवि said...

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बहुत सुहानी सपनोंवाली प्यारी-प्यारी नींद!
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नीरज मुसाफ़िर said...

सही कह रहा है भाई,
जब नींद आती है तो खेत में ऊबड-खाबड पर भी आ जाती है।

संजय भास्‍कर said...

so sweet looking madhav...

 
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