आज मै अपने ननिहाल के बारे में बताता हूँ . मेरा ननिहाल बक्सर में है . बक्सर बिहार में है और आप यदि मुग़ल सराय से पटना की तरफ चलते है तो कर्मनाशा नदी को पार करते ही बिहार शुरू होता है और थोड़ी देर बाद ही बक्सर शहर आता है . बक्सर के बारे में शायद आपने जरुर सूना होगा हां दिमाग पर थोड़ा जोर दीजिये ,अरे अब भी नहीं याद आया .अरे महर्षी विश्वामित्रा का बक्सर . पुराणिक शहर बक्सर के आस पास ही महर्षी विश्वामित्रा का आश्रम था जिसका जिक्र रामायण में है, यही तो भगवान् राम ने ताड़का राक्षसी का वध किया था. फिर १८६४ में एतिहासिक बक्सर युद्ध भी तो यही हुआ था .
बक्सर के बारे में सबसे बेहतरीन बात है की यह गंगा के किनारे बसा है . गंगा के किनारे बने मंदिर और घाट है . घाटों पर बैठकर गंगा के पावन दृश्य का अवलोकन करना कुछ बेहतरीन लम्हे होते है . मै भी पापा के साथ गंगा घाटों पर स्थित मंदिरों में गया और शीतल वायु का आनंद लिया . मैंने तो शीतल वायु का मजा भी लिया और घाटों की सीढीयों पर कदम ताल किया . गंगाजी का पानी बेहद साफ था हाँ थोड़ी बहुत गन्दगी भी थी जिसे खत्म करने की जरुरत है . पापा नदी में नहाना चाहते थे पर तौलिया नहीं होने के कारण नहा नहीं पाए .
गंगा के किनारे ही मेरे पूर्वजों ने एक महान संस्कृति को जन्म दिया है और जिया है जिसे पूरा संसार मानता है , इस नदी का ज़िंदा रहना पुरे भारतवर्ष के लिए ओक्सीजन है. मै इस देवी को बचाना चाहता हूँ ताकि मेरे जैसा कोई और माधव आये तो गंगा को ऐसे ही देखे जैसे की मै अभी देख रहा हूँ .
गंगा नदी के तीर पर मैंने बहुत ताजगी और ऊर्जा महसूस की , यकीन नहीं होता आप भी देख ले
5 comments:
गंगा तट की बात ही निराली है .. खूब मजे करो बबुआ !!
Jai ho ganga mata.
अच्छी तस्वीरें..हम तो कभी गये ही नहीं बक्सर!! :(
खूब मजे करो
madhav jee kabhi buxar me hum se bhi mulakat kijiye!
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