कुछ चीजे अपने नाम के साथ सही न्याय (Justice)करती है . मैक्डोनल्ड का "हैपी मील" इसका एक अच्छा उदाहरण है. एक बर्गर , एक पैकेट फ्रेंच फ़्राइज , एक कोका कोला और एक सुन्दर समकालीन खिलोना . मैक्डोनल्ड के प्रोडक्ट बहुत सीमित है पर लोकप्रिय है . मै करीब दस सालो से मैक्डोनल्ड जा रहा हूं . इस फ़ूड रेस्तराँ में मुझे हर वर्ग के लोग दिखाई देते है . एक छोटे मध्यवर्गीय परिवार को इससे ज्यादा क्या चाहिए . बीबी और बच्चा दोनों खुश . शायद इसीलिए इसे हैपी मील नाम दिया गया .
अब माधव का बात करे . इनको बर्गर बिलकुल पसंद नहीं है , वावजूद माधव मैक्डोनल्ड की शॉप देखते ही अंदर चलने की जिद करते है . करीब दो साल पहले , एक बार जब हम मैक्डोनल्ड गए थे , हैपी मील का डब्बा माधव ने ही खोला था , तो फ़ूड आइटम के साथ माधव को RIO मूवी का टॉय मिला था . उसी वक्त से माधव के दिमाग में ये बात बैठ गयी कि मैक्डोनल्ड में जाने पर टॉय मिलता है .और तब से लेकर आज तक मैक्डोनल्ड हैपी मील की टॉय की हर सीरीज माधव के पास है . अब तो मैक्डोनल्ड की दूकान दिखते ही , माधव को बड़ी तेज भूख लगती है . डब्बे से टॉय निकालते समय माधव की उत्सुकता और चेहरे का हाव भाव देखते ही बनता है . माधव बर्गर तो छूता भी नहीं है , हां फ्रेंच फ्राई टोमैटो केच अप से साथ चाव से खाते है .
इसी हफ्ते हम मैक्डोनल्ड में गए थे . माधव हैपी मील से बहुत हैपी हुए . इस बार एक बदलाव और आया. पहले माधव रोनाल्ड मैक्डोनल्ड ( लाल बाल वाले आदमी ) से बहुत डरता था पर इस बार जनाब उसके गोद में बैठ कर फोटो खिचवा रहे थे .
माधव के पास इक्कट्ठा कुछ मैक्डोनल्ड टॉय
2 comments:
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (17-06-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
aree wah madhav to ab bada ho gya hai..khub enjoy karo :)
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