Thursday, September 15, 2011

बारिस

आज मेरी और माधव की नींद बारिस के आवाज के कारण खुली . सुबह में खूब तेज बारिस हुई . माधव नींद से जग कर बोला , " पापा बारिस हो रही है ". मौसम विभाग बोल रहा है कि इस साल १० फीसदी कम बारिस हुई है पर दिल्ली में तो रोज बारिस हो रही है .

बारिस से मेरे गमलो में जबरदस्त हरियाली है . चम्पा में फुल खिले है , पिंक कलर के फुल . आरी पाम अपने शबाब पर है . हरियाली की वजह से गिलहरी , कबूतर , मैना मंडराते रहते है . माधव जब कभी भी रोता है , कबूतरो को दिखाता हूँ , रोना भूलकर कबूतर देखने लगता है .



























3 comments:

रुनझुन said...

बहुत सुन्दर! सचमुच बारिश के मौसम में चारो ओर हरियाली ही हरियाली नज़र आती है, पूरा वातावरण बहुत ही खुशगवार हो जाता है, लेकिन चारो तरफ जल-जमाव और गड्ढों के कारण घर से बाहर निकलना, सडकों पर चलाना बहुत मुश्किल हो जाता है, बस यही बिलकुल अच्छा नहीं लगता|

Patali-The-Village said...

बहुत सुन्दर चित्रण| धन्यवाद|

अनुपमा पाठक said...

सुंदर!

 
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