मेरी दादी
आज मेरी दादी (माधव की परदादी )की पुण्यतिथि है . २५ फरवरी २००९ को उनका निधन हुआ था . उनकी मृत्यु के समय माधव करीब सवा साल का था .माधव को उन्होंने गोद में लेकर खिलाया था .बड़ी सुन्दर सी थी वो , झुरियाँ से उसकी त्वचा भरी पडी थी . मैंने उनको तब से देखा जब घर की बागडोर उनके हाथ में थी , धीरे धीरे बागडोर बहुएं छीनने लगी ,उसके बच्चें अलग होने लगे , आँगन में दीवारें खींच गई , खेतों में मेढ़े डाल दी गई और सब कुछ बाट लिए गए , पांच बेटे वाली माँ अकेले रहने लगी . पर दादी आत्मनिर्भर थी कभी भी दुसरो के आगे हाथ नहीं पसारा . हां नाती पोतो के लिए जान भी हाजिर करती थी वो. एक वृद्ध होती स्त्री क्या सोचती होगी अपने बच्चों के बारे में , जो उससे अलग अपना एक संसार बना लेते हैं?
दादी का मुझसे बहुत स्नेह था , और स्नेह भी वह नहीं , जो प्रगल्भ होता है और अपनी सारी कसक शब्दों में बिखेर देता है , उसका स्नेक मूक था , खूब ठोस , रस और स्वाद से भरा हुआ. पता नहीं आज मेरे परिवार में दादी को किस किस ने याद किया होगा , पर मैंने याद किया और आज की पोस्ट दादी के लिए .
मुझे पता ही वो स्वर्ग में बैठी मुझे देख रही होगी , और आशीर्वाद भी दे रही होगी .
माधव के साथ
माधव के साथ
8 comments:
आदरणीया दादी जी को विनम्र श्रद्धांजलि
हम सब भी श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं!
विनम्र श्रद्धांजलि दादी को !! पता नही दुनिया को क्या हो गया जो मां तक को साथ नही रख सकते, लेकिन हिस्सा मांगते शर्म नही करते,
बाल चर्चा मंच की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि!
आपकी पोस्ट की चर्चा तो बाल चर्चा मंच पर भी है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2011/02/34.html
विनर्म श्रद्धांजलि
विनम्र श्रद्धांजलि दादी को !
apki post ne meri aankhein bhi nam kar dee. aap abhut bhayashaali rahe ki aapke bete ko aapki dadi ji ka ashish mila .aapne jo khushi apni dadi ji ko di hai vo karodo me koi virla hi de pata hai. asha hai ki madhav me bhi aapki jaise sanskaar aayenge.dadi ji ko vinamra shradhanjali. vo nishchit aapse prasann hain haan maadav ko pyaar ashish.
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