Sunday, July 11, 2010

माधव एक्सप्रेस : ट्रेन छुक छुक

पिछले हफ्ते मम्मी के साथ मेट्रो से कही गया . मेट्रो में बहुत मजा आया . अगले दिन फिर मम्मी से मेट्रो में चलने की जिद की . "ट्रेन छुक छुक " कह कर रोने लगा . काटू, पटाखा सब का डर दिखाया गया पर मै नहीं माना , ट्रेन छुक छुक कह कर रोता रहा . हारकर मम्मी पापा मुझे लेकर बाहर गए , मेट्रो में तो नहीं घुमाया पर मेरे लिए एक ट्रेन खरीदा . उस खिलौना ट्रेन में भी मेट्रो की तरह ही चार डब्बे है .

ट्रेन चलती है तो ताली बजाता हूँ . ट्रेन से दिल भर गया तो फिर खुराफात करने लगा . माओवादी बन गया और ट्रेन की पटरी उखाड़ डाली .





ट्रेन छुक छु

माओवादी माधव



ट्रेन छुक छुक










22 comments:

M VERMA said...

ट्रेन बहुत खूबसूरत है
पर इसमें सवारी कैसे करेंगे?

Jandunia said...

शानदार पोस्ट

Udan Tashtari said...

ये तो बढ़िया चली माधव एक्सप्रेस.

नीरज मुसाफ़िर said...

अरे चार डिब्बे कहां हैं? यह तो इंजन ही घूम रहा है।

निर्मला कपिला said...

ारे बेटा कुछ भी बनना मगर माओवादी नही। देश की सम्पति का नुकसान किसका नुक्सान है? आम आदमी का। आशीर्वाद।

अंजना said...

बढिया है माधव एक्सप्रेस
छुक छुक छुक छुक ....

abhi said...

वाह भाई , बड़ी मस्त ट्रेन है तुम्हारी :)

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत ही सुन्दर पोस्ट!
--
इसकी चर्चा यहाँ भी की गई है-
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/07/blog-post.html

नीलम शर्मा 'अंशु' said...

कान्हा, आज रथ यात्रा शुरु हुई। रथ नहीं चलाया क्या ? रथ लेकर दिल्ली शहर में घूमी-घूमी करने नहीं गए ?

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World said...

वाह माधव, आपकी बातें तो निराली हैं..शुभकामनायें.
_________________________
अब ''बाल-दुनिया'' पर भी बच्चों की बातें, बच्चों के बनाये चित्र और रचनाएँ, उनके ब्लॉगों की बातें , बाल-मन को सहेजती बड़ों की रचनाएँ और भी बहुत कुछ....आपकी भी रचनाओं का स्वागत है.

संजय भास्‍कर said...

वाह माधव, आपकी बातें तो निराली हैं..शुभकामनायें.

संजय भास्‍कर said...

Maaf kijiyga kai dino bahar hone ke kaaran blog par nahi aa skaa

Akshitaa (Pakhi) said...

अले माधव उड़ाना नहीं...नहीं तो खेलेंगें क्या.
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'पाखी की दुनिया' के एक साल पूरे

Chinmayee said...

बहोत खुब माधव पर मओवदि क रुप हमेश ना लेना वरना पता तो हो -गा----- हि हि हि हम सब पनछि एक डाल के :-)

__________
My new post: fathers day card and Cow boy

Vinay said...

कमाल है

लविज़ा | Laviza said...

माधव एक्सप्रेस कहाँ तक चली ?

पंकज मिश्रा said...

शानदार पोस्ट माधव।
शुभकामनायें.

Shubham Jain said...

areee wah khub mazedar ha ye madhav ki train...kahan jaoge is train me baith kar...ara??? :D

माधव( Madhav) said...

@ शुभम जैन

धन्यावाद

yanmaneee said...

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