परसो भारत बंद था इसलिए जाम के चलते पापा ऑफिस नहीं जा पाए .मैंने इस बंद का भरपूर लाभ उठाया , पापा के साथ खूब खेला .जब घर में खेल कर बोर हो गया तो बाहर जाने की जिद की . पापा नहीं माने तो रोने लगा , फिर मम्मी ने कहा की आज "भारत बंद" है "माधव बंद" नहीं है . सुबह से ही दिल्ले में बादल छाए हुवे थे और हल्की बारिस भी हुई थी ,बारिस होने के बाद की धुप बहुत कड़ी होती है , उसी कड़ी धुप में पापा मुझे लेकर बाहर गए . एक घंटे में पार्क में खेला फिर वापस घर आया .
आज "भारत बंद" है "माधव बंद" नहीं
आज "भारत बंद" है "माधव बंद" नहीं
16 comments:
सुन्दर।
areee madhav to kabhi band ho hi nahi sakta...hamari masti kabhi nahi rukegi...:D :D
नॉन स्टॉप मस्ती ! यूं ही लगे रहो कान्हा।
बेटा, अपने पापा से कहो कि अब छोटे-छोटे पार्क अच्छे नहीं लगते। किसी बडे पार्क में ले चलो। किसी नेशनल पार्क में।
अरे भारत खुला कब था ..नीरज जाट की बात सही है
सच इस दिल्ली में बहुत हरियाली है। माधव के लिए ढेर सारा प्यार।
माधव तुम तो इन नेताओं से बहुत ऊपर हो...बंद नेताओं का है तुम तो इनको बंद करना....
Ur son is very Lucky to have u... he is too cute as well...
Ur son is very Lucky to have u... he is too cute as well...
mast kalandar
maaddav.......
love
:-) बिलकुल सही कहा..... बेहतरीन!
@ Monali
thanx
यह जरूरी है कि बच्चे इस उम्र में बंद-वंद से परिचित न हों।
इसे कहते हैं वक़्त का सही फायदा उठाना...मजेदार.
:-)
जाने नवरात्रे के बारे मे
ruma-power.blogspot.com पर
बिलकुल सही कहा..... बेहतरीन!
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