कल मम्मी पापा के साथ इंडिया गेट गया था . वहाँ पर बहुत सारे पक्षी ( कौवे और मैना) थे. कौवों को मैंने बिस्कुट खिलाया , बिस्कुट खिलाने के बाद उनके पीछे -पीछे दौड़ने लगा . कोवों ने मुझे भाग भाग कर थका दिया.
Saturday, July 3, 2010
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13 comments:
kya mast photo aaye he dost maja aa gaya..
pyar...
बहुत सुंदर, यार एक आध कोवा पकड लेना था ना
badhiya he.
बहुत ही अच्छे लग रहे हो माधव जी!
अरे, इण्डिया गेट कहां है?
इंडिया गेट पर कौवे !!!!!...कौवे तो वैसे भी ख़त्म होते जा रहे हैं... अपने अच्छा काम किया ....पाखिओं को बिस्कुट खिला कर...घर पर भी ऐसा किया करो...उनके लिए घर पर पानी का बर्तन भी रखो छत पर.. और उसमें समय समय पर पानी डाला करो...मेरी हार्दिक शुभकामनायें....
@ नीरज जाट जी
we are in the lawns of India Gate, away from the india gate so India Gate is not visible
@ दीनदयाल शर्मा
very benevolent advice , i will follow
बहुत दिन बाद कौवों के बारे में कुछ पढने को मिला.
चित्र तो भी सुन्दर हैं.
ये लास्ट वाली फोटो तो मस्त है भाई :)
वाह गुरु। क्या कहने। तो आज कल घूमा जा रहा है। बारिश शुरु हो रही है उसका भी मजा लो। और हां उसके फोटो जरूर डालना। मजा आएगा।
क्यों जी कौवों के पीछे क्यों भाग रहे थे....क्या तुम भी पंख लगा कर आसमान की सैर करना चाहते हो?
अरे रे थक गये बच्चू ... कोई बात नही पर एक बात इन कोओं से ज़रूर सीखना ... चोकन्ना रहना ...
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