क्लब महिंद्रा रिसोर्ट, कानाताल के पास ही एक घना जंगल है जिसका नाम कौड़िया जंगल है. वन बिभाग ने इस जंगल मे एक नेचर रूट ट्रेक बना रखा है जिसकी लम्बाई ८ किलो मीटर है . सुबह हम इसी ट्रैक पर नेचर वाक् पर निकले . देवदार के जंगल के बीच से गुजरना एक असाधारण अनुभव है . रिसोर्ट की तरफ से हमें एक गाइड भी मुहैया कराया गया था जिसका नाम अजय था . माधव अजय के साथ ही चल रहे थे.
अजय ने हमें बताया कि इस जंगल मे तेंदुए भी मिलते है . लोमड़ी , डियर , भालू मिलना बहुत आम बात है . देवदार के जंगल खतम होने के बाद चीड़ का जंगल शुरू हुआ . ट्रेक का मार्ग कुछ पतला और ढलाव भरा हो गया . जंगल मे और आगे बढ़ने पर हमें एक भारी भरकम जीव दिखा . हम आहिस्ता -आहिस्ता उस जीव के पास पहुंचे, वो एक साम्भर था जो पैर फसने की वजह से मर गया था . थोड़ा और नीचे जाने पर एक छोटा सा मैदान मिला जिस मे घास पर ओस की जमी हुई बुँदे सफ़ेद चादर बन गई थी . कुछ और आगे जाने पर सेव के बाग मिले . कुछ और आगे जाने पर , जंगल से झाँकती हिमालय की बर्फीली चोटिया दिखी जो इस ट्रेक का सबसे अच्छा पल था .
सफर का अगला पड़ाव : सुरकंडा देवी .......................
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