माधव् ने कल से चीनी मार्शल आर्ट "वुशु" (Wushu ) सीखना शुरू किया है . खेल वुशु "कुंग फू' (Kung Fu)की तरह का ही आत्मरक्षा का खेल है .मेरा हमेशा मानना है कि मनुष्य के पास असीमित शारीरिक क्षमता होती है. शारीरिक क्षमता को बढ़ाने लिए कुछ ना कुछ खेलना और सीखना जरूरी है.
माधव खेल मे रूचि दिखा रहे है और ये देखना वाकई सुखद अनुभव है. मैं दूर से ही माधव को वुशु की प्रैक्टिस करते देखता हूँ .माधव के वुशु गुरु "मिरिक लामा" है जो तिब्बत मूल के है .
मार्शल परंपरा में चीन का एक लंबा इतिहास है, जिसमें सैकड़ों विभिन्न शैलियां शामिल हैं. पिछले दो हजार साल में कई विशिष्ट शैली विकसित की गयीं.
2 comments:
arrey waah...rudra ko bhi hum yahi sikhane ki soch rahe the ...batanaaur dikhana bhi ki kaisa lagta hai rudra ko dikhayenge shayad raaji ho jaay rudra se yahan mil sakte hain aap rudrapandey.blogspot.com
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