माधव आज कल साइकिल खूब चला रहे है . स्कुल से आते ही आधा घंटा साइक्लिंग होती है , फिर लंच होता है फिर छोटा भीम देखते है , उसके बाद जनाब थोड़ी झपकी लेते है . शाम को नींद खुलने के बाद फिर साइक्लिग़ होती है . माधव की साइक्लिग़ से मेरा काम बढ़ गया है . सायकिल में रोज कुछ ना कुछ खराबी आती है जिसे ठीक कराना मेरा मौलिक कर्तव्य बन जाता है . हर दो दिन के बाद टायरो में हवा भी भरवाना पड़ता है .
खैर साइक्लिंग करते समय जनाब बहुत खुश होते है और उन्हें खुश देखकर मै भी .........
खैर साइक्लिंग करते समय जनाब बहुत खुश होते है और उन्हें खुश देखकर मै भी .........
2 comments:
Very Good Madhav Keep it up!!!!
खूब प्रैक्टिस करो और जल्दी से बिना side wheel के चलाना शुरू कर दो तब देखना तुम्हारी साईकिल हवा से बातें करने लगेगी.... :)
साईकिल चलाना तो बहुत अच्छी बात है। मैं भी बहुत से काम साइकिल पर ही करता हूं :-)
एक बात तुम्हारे चिट्ठे के बारे में - नीली पृष्टभूमि पर हलके स्लेटी रंग से लिखवाट, पढ़ने में मुश्किल पड़ती है। आंखें कमजोर हैं - सीनियर सिटिज़न जो हूं।
पापा से कह कर इसे बदलो।
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