आज फिर छाया है खिलती बहारों का गुलाबी मौसम। आज फिर आरजू ले रही हैं अंगड़ाई। याद आ रही है पहली नजर के पहले-पहले प्यार की। सतरंगी दमकती शाम की। मोरपंखी यादों से महकती अलसाई दोपहर की। गेंदा,गुलाब,चमेली जैसे रंग-बिरंगे फूलों के सुगंध से भरे लुभावने,सुहावने इस वसंत के मौसम से अच्छा और कौन सा मौसम हो सकता है हमारे इस प्यार के पर्व वैलेंटाइन को मनाने का!है ना ! बिल्कुल उपयुक्त समय है ये। इसलिए पहले आपलोगों को मैं बधाई तो दे दूँ....... "आपलोगों को इस प्यार के पर्व की शुभकामनाएँ!!
मेरा नाम माधव हूँ.. .. मेरा जन्म मंजू गीता मिश्रा होस्पीटल पटना में हुआ .आज कल मै मम्मी - पापा के साथ दिल्ली में रहता हूँ.सबका लाडला हूँ और खूब शैतानियाँ करता हूँ . इन सबको सहेज कर पापा (मृत्युंजय कुमार राय) ने ये ब्लॉग बनाया है जहां आप मेरे जहाँ को देख- पढ़ सकते है.
पापा का अपना ब्लॉग भी है - http://qsba.blogspot.com/
1 comments:
आप के गार्डन में तो बहुत सुन्दर फूल खिले हैं!
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