Wednesday, October 31, 2012

सैंडी से माधव डरा

विनाशकारी तूफान सैंडी ने अमेरिका मे खूब तबाही मचाई है . कल  मैं टी वी पर इसी खबर को देख रहा था . माधव मेरे साथ ही बैठा था . टी वी का संवाददाता तूफ़ान से हुई तबाही को बता रहा था . संवाददाता अपने खौफनाक आवाज और डरावनी मुद्रा मे तूफ़ान मे फंसे एक व्यक्ति की तस्वीर बार बार दिखा रहा था . माधव ये सब देख बहुत डर गया और उदास हो गया .

बच्चे बहुत भावुक होते है !




Monday, October 29, 2012

माधव : हाफ ईयर एचीवमेन्ट

माधव की छ महीने की मेहनत 



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Sunday, October 28, 2012

फंडामेंटल्स ऑफ एनर्जी


kidsमाधव इन दिनों एनर्जी पर शोध कर रहे है . मैंने माधव हमेशा बताया है कि हमारे शरीर को एनर्जी की जरूरत होती है जो खाने से मिलती है . फिर मैंने बताया कि अच्छी चीजे खाने से ही एनर्जी मिलती है जैसे फल , दूध , सब्जी , दाल, रोटी  . मैंने ये भी बात बतायी कि चिप्स , चाकलेट ,कुरकुरे ,क्रेक्स गंदी चीजे है और इन्हें खाने से दांत और पेट मे कीड़े आते  है .


अब माधव एनर्जी से जुडी हार बात जानना चाह रहे है , मसलन:

पापा एनर्जी किस रंग की होती है ?
एनर्जी कैसे आती है फिर खत्म क्यों हो जाती है ?
एनर्जी हमें दिखती क्यों नहीं है ?



फिर चिप्स और कुरकुरे के बारे मे सवाल कुछ ऐसे होते है:

कीडों को चिप्स और कुरकुरे ही  क्यों पसंद है ?
जब चिप्स और चाकलेट खाने से कीड़े आते है तो अंकल अपनी दूकान मे क्यों रखते है ?


Saturday, October 27, 2012

रामलीला और दशेहरा

पिछले साल (२०११) मै दशहरे के दिन माधव को लव कुश राम लीला कमेटी की रामलीला दिखाने लाल किला मैदान ले गया था . माधव को वहाँ का मेले वाला माहौल (झूले , दुकाने ,) बहुत भाया और तभी से माधव रामलीला देखने की बात कर करते थे .माधव मे कई बार (मई, जून  जुलाई महीने मे ) रामलीला देखने की बात की पर मैंने समझाया कि रामलीला साल मे एक बार ही होती है और वादा किया कि जब भी रामलीला शुरू होगी माधव को लेकर जाउंगा . 

                   माधव के बहुत इन्तेजार के बाद इस साल राम लीला का समय आया . वादे के अनुसार मैंने इस साल माधव को दो दिन रामलीला दिखाया . माधव ने रामलीला देखी , झूले का मजा लिया  और एक तीर धनुष  , एक त्रिशूल और एक गदा खरीदा .

रामलीला  और दसहरा खत्म हो गया है पर रामलीला चलने की मांग बनी हुई है . 
 


























 

Wednesday, October 10, 2012

माधव और मेरी आभासी दुनिया

मैंने कल माधव के लिए एक कलरिंग बुक खरीदा . उसमे  "छोटा भीम" से जुड़े सभी पात्रो का आउट लाइन इमेज बना था जिसे कलर करना  था. 
माधव् उस एक्टिविटी शीट को पाकर इतना खुश  है कि बस इसका वर्णन नहीं कर सकता . एक दिन मे ही आधी शीट  को रंग चुके है . भीम की धोती ऑरेंज कलर से , छुटकी की फ्रोक पर्पल कलर से , जग्गू बन्दर नीले रंग से ......................




Chota-Bheem-Coloring-Pages-4
माधव के साथ मुझे भी छोटा भीम के बारे मे सब कुछ पता है .माधव छोटा भीम और माईटी राजू का बहुत बड़ा फैन है . अब मजबूरी मे मुझे भी माधव के साथ ये दोनों कार्टून प्रोग्राम मन -बेमन देखने पड़ते है . अब हालात ये है कि मैंने भी  छोटा भीम और माईटी राजू का लगभग हर एपिसोड /मूवी देख लिया है . इन दोनों प्रोग्रामों के हर कैरेक्टर का नाम मै भी जानता हूं. 


"छोटा भीम" के पात्र  जिन्हें मै जानता हूं -

ढोलकपुर के निवासी -  छोटा भीम , छुटकी , जग्गू , राजा इन्द्र वर्मा ,राजू 
                                  इन्दुमती  कालिया ,ढोलू -भोलू , टून - टून मौसी   , 
                                   धुनी बाबा , डाकू मंगल सिंह , प्रोफ़ेसर धूमकेतु .....
पहलवानपुर के निवासी - कीचक , छोटा मन्नू ,बिरजू , रंगा , मन्ना , मोटू 
आसमानी दुनिया के पात्र- किरमाड़ा, लेडी किरमाड़ा , एलियन , मोनस्टर

"माइटी राजू" के पात्र जो आर्य नगर मे रहते है ,जिन्हें मै जानता हूं -

आर्य नगर के निवासी - माइटी  राजू , मोबी , जुली , चार्ली , स्वामी , संध्या ,कराटी, डार्कविन,एलियन 
 कमिश्नर खन्ना 

छोटा भीम की फिल्मे जिन्हें माधव के साथ देख -देख कर मुझे एक-एक सीन याद हो गया है :


Chhota Bheem & Krishna: Pataliputra- City of the Dead
Chhota Bheem And The Curse Of Damyaan
Chhota Bheem: Dholakpur to Kathmandu
Chhota Bheem Aur Krishna
Chhota Bheem & Ganesh

Chhota Bheem Aur Hanuman
Chhota Bheem: Journey To Petra
Chhota Bheem: Bheem vs Aliens
Chhota Bheem: Master of Shaolin

 अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर एक बात मैंने महसूस की है कि माधव को मेरे साथ टी वी प्रोग्राम देखना (छोटा भीम और माईटी राजू ) बहुत पसंद  है, खास कर  "माईटी राजू" तो मेरे साथ ही देखना चाहता है . 
 मै भी अपने बच्चे के साथ बच्चा बन जाता हूं , पिता को बेटे के साथ हर रोल मे फिट जो होना पड़ता है !

Sunday, October 7, 2012

सायकिल की वापसी

माधव की सायकिल कई दिनों से खराब पडी थी .पिछले दिनों मैंने उसकी सर्विसिंग कराई , १०० रूपये लगे . पर अगले ही दिन टायर की हवा निकल गई. अब कल फिर से हवा भराने गया . माधव ने खुद भी हवा भरने की कोशीश  कि . अब सायकिल परफेक्ट बन गई है और माधव सायकिल को खूब तेज दौड़ा रहा है .   

















Saturday, October 6, 2012

बाल रचनाशीलता

माधव का मन रचनाशील ( Creative) लग रहा है. कुछ काम बिलकुल मौलिक (Original) और अपने दिल से करता है फिर मुझे बुला कर दिखाता है . मै सोच मे पड़ जाता है, कि ये बाल मन क्या क्या सोच रहा है ?

अभी अभी मुझे बुलाकर अपने कमरे मे ले गया , "पापा !....चलो एक चीज  दिखाता हूं . मैंने एक कार बनायी है ". 
क्रेयान से जोड़कर कार बनायी गई थी . 

   क्रेयान से बनी कार 

Wednesday, October 3, 2012

द ग्रेट बोम्बे सर्कस

कई सालो बाद पिछले दिन हमने सर्कस देखा . सर्कस का नाम -द ग्रेट बोम्बे सर्कस .नेताजी सुभास प्लेस ,पीतमपुरा, मेट्रो स्टेसन के पास सर्कस लगा था .  माधव को अडवेंचर की वास्तविक दुनिया दिखाने के लिए मैंने सर्कस का प्लान बनाया . माधव के लिए तो बहुत अच्छा अनुभव रहा, जनाब ने बहुत एन्जॉय किया . 

बेटे ने तो सर्कस को बहुत एन्जॉय किया पर मेरे लिए बहुत बोरिंग और थकाऊ काम था . प्लास्टिक की कुर्सी पर ढाई घंटे बैठने से पिछवाड़ा दर्द करने लगा . कमर भी टेढी हो गई . रही बात सर्कस की तो वो भी मेरे किए कुछ खास नहीं थी . करीब बीस साल पहले के सर्कस काफी बढ़िया होते थे .   







Tuesday, October 2, 2012

बंदे मे था दम ! वंदे मातरम





 
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