Wednesday, March 30, 2011

शाबास भारत

भारत सेमीफैनल जीत गया है . यहाँ दिल्ली में हमारी कोलोनी में पटाखे छुट रहे है , पर जनाब माधव साहब की हालत खराब है . मम्मी की गोद में चिपके हुवे रो रहे है , और बोल रहे है पटाखा नहीं , पटाखा नहीं . पटाखों से जनाब को बहुत डर लगता है . खैर भारत जीत गया है जश्न चल रहा है .

बेस्ट ऑफ लक टीम इंडिया

आज मोहाली में क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 का सेमी फ़ाइनल है . हिन्दुस्तान का मुकाबला पाकिस्तान से है . हिन्दुस्तान के लिए मेरी शुभकामनाए . टीम इंडिया को जोश भरने के लिए ये गाना -
जियो ,उठो , बढ़ो, जीतो .........




टीम इंडिया को मेरी तरफ से एक सलाह -

इस मैच को एक आम मैच की तरह ले . जीत -हार तो खेल का ही एक हिस्सा है . कभी दोनों टीम नहीं जीत सकती और ये खेल है , इसे खेल ही रहने दे तो बेहतर .

Tuesday, March 29, 2011

होली के रंग























Monday, March 28, 2011

दिल्ली वापस


होली की छुट्टी खत्म हो गयी और हम कल रविवार को दिल्ली वापस आ गए . आठ दस दिन मै आरा और बक्सर में रहा . दादा -दादी, नाना- नानी और अन्य लोगो के साथ बीते दिन बहुत सुखद रहे . यात्रा का व्योरा कल बताउंगा .



Saturday, March 19, 2011

होली की शुभकामनाएँ

Thursday, March 17, 2011

मै चला दादा -दादी के पास

मेरी स्कुल की छुट्टी चल रही है .आने वाला संडे को होली है . आज मै दादा दादी के पास होली मनाने आरा जा रहा हूँ .जाट आंदोलन के चलते सारी ट्रेन देर से चल रही है पर क्या करे !

आरा से फिर नाना -नानी से मिलने बक्सर भी जाउंगा .




आप सभी को होली की शुभकामनाए

मृत्युंजय कुमार राय
माधव राय

Tuesday, March 15, 2011

प्री- नर्सरी का सत्र समाप्त , स्कुल बंद

मेरा प्री नर्सरी का सेसन १२ मार्च को समाप्त हो गया .स्कुल में टीचर परेंट्स मीट हुआ . मम्मी पापा को मेरे प्रोग्रेस के बारे में बताया गया . मेरी क्लास टीचर वैशाली मैम और प्रिंसिपल नीरा खेरा ने कुछ परेंटिंग टिप्स दिए .

वार्षिकोत्सव में भाग लेने पर मुझे एप्रेसिएसन अवार्ड और सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट मिला.


मेरा स्कुल १२ मार्च को बंद हो गया है , पर रोज सुबह उठकर मम्मी से स्कुल जाने के लिए बोलता हूँ .

स्कुल अब २८ मार्च को खुलेगा तब मै नर्सरी में जाउंगा .







एप्रेसिएसन अवार्ड


प्रोग्रेस रिपोर्ट



Monday, March 14, 2011

सातताल (Sattal)


ये हमारी यात्रा का सबसे सुंदर स्थल था . भीमताल से तीस किलों मीटर की दूरी पर स्थित सातताल दरअसल सात तालो (Seven Lakes) से मिलकर बना है इसलिए इसका नाम सातताल पड़ा . सभी तालो का नाम रामायण के पात्रो से लिए गए है जैसे कि राम ताल , लक्ष्मण ताल , भारत ताल , हनुमान ताल , गरुण ताल आदि .वैसे कुछ ताल में पानी केवल बरसात में होता है सो वे सुख गए थे .

प्रकृति की गोद में बसा सातताल मानवीय गतिविधियो से अछूता है शायद इसीलिए यहाँ चारों ओर हरियाली और खूबसूरती बिखरी पडी है .नैनीताल और भीमताल की तरह यहाँ कोई मकान वगैरह नहीं है .यहाँ पहुचते ही शीतल हवाओं ने हमारे शरीर को छुआ , सारे थकान दूर हो गयी . सुदूर घाटी में बना ये ताल बहुत खूबसूरत है .

यहाँ बहुत कम लोग दिखाई दिए , अमूमन लोग नैनीताल , भीमताल देखकर ही लौट जाते है . मेरे लिए कुमाऊ हिमालय का सबसे खूबसूरत ताल यही है, शांत , सुरम्य , हरियाली से भरपूर .
आप अगर कुआऊ क्षेत्र में आये तो सात ताल जरुर देखे .




दूर पहाड़ी से सात ताल ऐसी दिखती है






माधव ने सात ताल में तैर रहे बतखो को बिस्कुट खिलाया

मै अपने आप को झील में उतरने से रोक नहीं पाया , कपडे होते तो नहाता जरुर


माधव पत्थर खोज रहा है झील में फेंकने के लिए

माधव ने भीमताल की तरह यहाँ भी ताल में खूब पत्थर फेंके

यह भी एक ताल ही है जो सुख गया है , ये YMCA का क्रिकेट मैदान बन गया है





Saturday, March 12, 2011

भीमताल

नौकुचियाताल से चार किलों मीटर की दूरी पर भीम ताल लेक है . कहा जाता है की भीम ने अपनी गदा से इस झील का निर्माण किया था . वैसे भीमताल कुमाऊँ हिमालय की सबसे बड़ी झील है .झील के चारो तरफ सड़क बनी है . झील के चारो ओर के पहाडो पर के जंगल को काटकर अपार्टमेंट बन रहे है .

माधव ने झील में कुछ कंकड -पत्थर फेंके , जनाब को ये काम पसंद आया और इस काम को बखूबी अंजाम दिया . जब तक हम झील के पास रहे , जनाब झील में पत्थर मारते रहे .

वैसे आकार में बड़ी होने के वावजूद , व्यापक शहरीकरण के कारण भीमताल उतनी खूबसूरत नहीं लगी . झील को चारों ओर से घेरे पहाडो पर हरियाली नदारद थी . पर एक बार तो इस झील को देखा जा सकता है .










Friday, March 11, 2011

नौकुचियाताल( Nine Cornered lake)


पांच मार्च को माधव के स्कुल में वार्षिकोत्सव था . छ मार्च को हम दिल्ली से सुबह आठ बजे नौकुचियाताल के लिए निकल पड़े . रविवार के चलते सड़के खाली थी , हम सरपट निजामुदीन ब्रिज से होते हुए ,NH-24 पर आ गए . गाजिआबाद ,हापुड ,गजरौला, मुरादाबाद ,टांडा , बाजपुर , कालाढूंगी ,हल्दानी , काठगोदाम होते हुए शाम को चार बजे हम नौकुचियाताल पहुच गए . वहाँ क्लब महिंद्रा के रिसार्ट में हमारा कमरा बुक था .

नौकुचियाताल कुमायूँ हिमालय की सबसे बड़ी झीलों में से एक है जो चारों ओर से पहाडियो से घिरी हुई है . हमारा रिसोर्ट झील के बिलकुल सामने चीड और देवदार के लंबे -लंबे पेडों से घिरा हुआ था . नौकुचियाताल झील नौ कोनों वाली(Nine cornered lake) पहाडो से घिरी है , और किवदंती है कि जो भी आदमी इस झील के नौ कोनों को एक साथ देख ले , उसे निर्वाण की प्राप्ति होती है , हमने शिकारा बोट से झील के नौ कोनों को निहारा. झील और उसकी हरियाली मन्त्र मुग्ध करने वाली थी . नौकुचियाताल काफी शांत और कोलाहल रहित जगह है.

अगर आप शांति प्रिय और सुकून से जीने वाले है तो नौकुचियाताल आपके लिए उपयुक्त जगह है .













अगली पोस्ट : भीमताल की सैर ( भीम की गदा से बनी एक झील )

Thursday, March 10, 2011

सैर सपाटा

छ मार्च से नौ मार्च तक मैंने नैनीताल , नौकुचियाताल , भीमताल , सातताल , खुर्पाताल और जिम कार्बेट का भ्रमण किया . यात्रा बहुत आनंद दायक और सुंदर रही.

यात्रा का पूरा विवरण आगे दूंगा , यात्रा की कुछ झलकिया आप देख ले











Friday, March 4, 2011

मेरे स्कुल का वार्षिकोत्सव(Annual Day function)

कल यानी पांच मार्च,२०११ को मेरे स्कुल में एनुवल फंक्सन(Annual Function) है . मै भी उसके कार्यक्रम में भाग ले रहा हूँ . मै एक पेड़ (tree) बनकर ओल्ड मैक्डोनाल्ड(Old Mcdolad) गीत पर डांस करूँगा.पेड़ वाला मेरा कपड़ा भी बना है . रिहर्सल करीब एक महीने से चल रही है . पूरा कार्यकम कुलाची हंसराज मॉडल स्कुल , अशोक विहार दिल्ली के आडीटोरियम में होना है . मेरे ब्लॉग को पढ़ने और पसंद करने वाले सभी लोगो का मेरे स्कुल के वार्षिकोत्सव में स्वागत है .

Thursday, March 3, 2011

आज मेरी परनानी की पहली पुण्यतिथि है .


आज मेरी परनानी (ग्रैंड ग्रैंड मदर ) की पहली पुण्यतिथि है . आज से ठीक एक साल पहले उनका वाराणसी में स्वर्गवास हुआ था . उन्होंने मुझे बहुत लाड़ -प्यार थी , मेरी मालिश भी की थी .

उनको मेरी विनम् श्रधांजली.
 
Copyright © माधव. All rights reserved.
Blogger template created by Templates Block Designed by Santhosh
Distribution by New Blogger Templates