Thursday, March 25, 2010

होली २०१०






पहली बार होली का मजा लिया . रंगों के साथ पहली बार साक्षात्कार हुआ , होली पर बड़े पापा , बड़ी मम्मी , ऋतू दीदी ओउर राघव भैया सभी घर पर आये थे . घर में खूब भीड़ भाड़ थी और शैतानियाँ करने के मौके भी खूब थे .पापा ने पिचकारी, रंग और टोपी खरीदी . वर्षा दीदी और ऋतू दीदी ने मुझे रंग लगाया . मम्मी को जब सभी रंग लगा रहे थे तो मै रोने लगा .


शाम को हमने नहा धोकर पाजामा कुर्ता पहना , पापा के साथ हमुमानजी के मंदिर में गया और पूजा की . वहां पंडितजी ने मुझे अबीर लगाया , घर आने पर सभी लोगो का पैर छुकर आशीर्वाद लिया और खूब खेला . फिर विकी चचा के साथ शर्मा नाना के घर गया , वहां मैंने पाजामे में ही सुसु कर दिया , परिणामस्वरूप , मेरा पाजामा खोलना पडा और मै नंगे ही घर आया , घर पर नंगा देखकर सभी हँसने लगे.
फिर दिन भर ही थकान जल्द ही नींद लाई और मम्मी के पास जाकर मै सो गया तो ये थी मेरी पहली एक्टिव होली

 
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