कल कामनवेल्थ  गेम्स समाप्त हो गया . तीन अक्टूबर से शुरू खेलो का कुम्भ कल खत्म हो गया . मैंने भी तीन खेलो का मजा लिया , हॉकी , साइकलिंग और रग्बी . शेरा को मैंने खूब पसंद किया , उसके तसवीरें खिचाई . मेरे लिए इस कामन वेल्थ गेम्स की याद  शेरा ही है जिसे मै काटू कहता हूँ.
Common Wealth Games: By Madhav's Eye view 
शेरा (काटू) के साथ एक क्लिक 

एक और 

असली नायक पुरे 101 
 रग्बी सेवेन मैच का एक नजारा 
पापा रग्बी देखने गए है या फोटो खिचाने !
आसमान में उड़ते पक्षियों (बाज) का राज क्या है ?
 
 

 
 
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7 comments:
माधव बहुत ही सुन्दर चित्र प्रस्तुति दी है आपने, बधाई के साथ शुभकामनायें ।
काटू के साथ तो माधव प्यारा लग रहा है...मजेदार.
बढ़िया तसवीरें हैं !
बहुत सुंदर माधब, यह बाज देख रहे हे कि इन नेताओ ने कुछ छॊडा भी हे इन के लिये की सब कुछ खा गये....
दुर्गाष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
राष्ट्रमणडल खेलों के सफल आयोजन की
हार्दिक बधाई देता हूँ!
मेरा भारत महान!
--
आपकी पोस्ट की चर्चा बाल चर्चा मंच पर भी की गई है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/10/23.html
राष्ट्रमणडल खेलों के सफल आयोजन की
हार्दिक बधाई देता हूँ!
मेरा भारत महान!
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आपकी पोस्ट की चर्चा बाल चर्चा मंच पर भी की गई है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/10/23.html
अभी शेरा को अलबिदा नहीं कहा जा सकता अभी तो शेरा को उन परदे के पीछे के भ्रष्टाचार के खिलाडियों के खेल को उजागर करना है और उनको तिहार जेल के दंड समारोह में चक्की पिसवानी है असल समापन और विदा तो तब होगा इस गेम का ....स्टेडियम का दर्शकों से खाली रहना भी इस गेम की कुव्यवस्था को दर्शाता है ....आपने इस सच्चे चित्र को प्रकाशित कर सराहनीय कार्य किया है ....
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